उत्तर प्रदेश

अखिलेश, मायावती को उत्तर प्रदेश के पिछड़े एवं दलितों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है : राजभर 

वाराणसी : राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े एसबीएसपी प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश में भाजपा के असंतुष्ट साथी ओम प्रकाश राजभर, जिन्होंने सपा-बसपा को अपना

Desk Team

वाराणसी : राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े एसबीएसपी प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश में भाजपा के असंतुष्ट साथी ओम प्रकाश राजभर, जिन्होंने सपा-बसपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी अब उनका मोह 'महागठबंधन' से भी भंग होता नजर आ रहा है। राजभर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को यह भी नहीं पता कि राज्य में कितने पिछड़े और दलित हैं।

उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल 'सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी' (एसबीएसपी) इस बार भाजपा के खिलाफ मैदान में है। पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ है और वह 35 सीटों पर मैदान में है। महाराजगंज, बांसगांव और संत कबीर नगर में इसने महागठबंधन को और मिर्जापुर में कांग्रेस को समर्थन दिया है। राजभर अब भी राज्य में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि वह चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने पर अंतिम निर्णय लेंगे।

वहीं अखिलेश यादव और मायावती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा , '' उन्हें यह भी नहीं पता कि राज्य में कितने पिछड़े और दलित हैं। वे समाज के इन दो तबकों के नेता होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं है।'' उन्होंने जारी लोकसभा चुनाव को एसबीएसपी की प्रासंगिकता की लड़ाई बताया। राजभर ने कहा, '' मैंने भाजपा से सिर्फ एक सीट की मांग की थी और उन्होंने मना कर दिया। इसलिए मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था।''

उन्होंने कहा कि एसबीएसपी चुनाव जीतने या किसी को चुनाव हराने के लिए मैदान में नहीं है। उन्होंने कहा, '' हम चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं ताकि दूसरे यह देख पाएं कि हमारी कितनी पकड़ है।'' एसबीएसपी ने 2017 विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा के साथ गठबंधन कर उसने कुल 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।