उत्तर प्रदेश

कानपुर एनकाउंटर : शक के दायरे में चौबेपुर थाना, IG बोले-सबूत मिले तो पुलिसवालों पर दर्ज होगा हत्या का केस

आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है। कितने पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से बात की, इस मामले की जांच चल रही है।

Desk Team
उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए एनकाउंटर के मामले में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश जारी है। मामले की जांच कर रही पुलिस कड़ी दर कड़ी आगे बढ़ रही हैं। एनकाउंटर की इस घटना के बाद चौबेपुर थाना शक के घेरे में आ गया है। वहीं इस मामले में पुलिसकर्मी की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल का कहना कि विकास दुबे के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, और जल्द ही सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है। कितने पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे से बात की, इस मामले की जांच चल रही है। 

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उन्होंने कहा कि विकास दुबे को पुलिस मूवमेंट की जानकारी कैसे मिली, इस पर स्थानीय पुलिस स्टेशन के सभी कर्मचारी हमारी जांच के दायरे में हैं। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर हत्या का आरोप लगाया जाएगा। दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ 307 का मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा और बर्ख़ास्त भी होंगे।
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में आरोपी विकास दुबे के दयाशंकर अग्निहोत्री नाम के एक साथी को पुलिस ने कल्याणपुर में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। दयाशंकर ने कहा कि गत दो/तीन जुलाई की रात को बिकरू गांव में वारदात से पहले विकास दुबे के पास चौबेपुर थाने से किसी का फोन आया था, जिसके बाद उसने पुलिस से सीधे टक्कर लेने के लिए उसे एवं अन्य साथियों को फोन करके अपने घर बुलाया था। 
गौरतलब है कि गत दो/तीन जुलाई की दरम्यानी रात को चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को एक मामले में पकड़ने गई पुलिस टीम पर विकास के घर की छत पर मौजूद बदमाशों ने गोलियां बरसायी थीं। इस वारदात में एक पुलिस उपाधीक्षक और तीन उपनिरीक्षकों समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।