अयोध्या में साधु संत 7 सितंबर को होने वाली एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की अयोध्या यात्रा के खिलाफ हैं, क्योंकि उनकी पार्टी के पोस्टर में अयोध्या के बजाय 'फैजाबाद' का इस्तेमाल किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2018 में फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था।
संतों ने अयोध्या में उनके प्रवेश पर रोक लगाने की धमकी देते हुए कहा कि ये हरकत जानबूझकर और धार्मिक आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करने के लिए की गई थी। वहीं अगर फैजाबाद को पोस्टरों से नहीं हटाया गया तो संतों ने 'शोषित वंचित समाज सम्मेलन' के तत्वावधान में हो रही उनकी रैली को रोकने की धमकी भी दी है।
ओवैसी 7 सितंबर को राम जन्मभूमि से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र रुदौली में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि ओवैसी अयोध्या का नाम फैजाबाद क्यों लिख रहे हैं? हम उनकी सांप्रदायिक विचारधारा की निंदा करते हैं और पोस्टर हटाने की मांग करते हैं।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि ओवैसी का हिंदू विरोधी कदम भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपमान है। अगर फैजाबाद नाम के पोस्टर नहीं हटाए गए तो अयोध्या में ओवैसी का प्रवेश वर्जित होगा और रुदौली में जनसभा बाधित होगी।
अयोध्या केस से जुड़े सबसे पुराने शख्स इकबाल अंसारी ने भी, अयोध्या में ओवैसी के राजनीतिक प्रवेश की निंदा की है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को ओवैसी से सावधान रहना चाहिए। वे उत्तर प्रदेश के लाखों मुसलमानों की भावनाओं से न खेलें। मैं लोगों से उनकी ध्रुवीकरण की रणनीति से प्रभावित न होने की अपील करता हूं।
इस बीच, एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाहनवाज सिद्दीकी ने कहा कि हमें फैजाबाद को इसके पुराने नाम से बुलाने की आदत है। नए नाम को याद रखने में समय लगता है। यह एक मामूली मुद्दा है और इसे अनुपात से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।