उत्तर प्रदेश के एटा में 92 साल के बुजुर्ग कैदी के पैरों में जंजीर डालकर अस्पताल में इलाज कराने का मामला सामने आया है। जंजीर में बांधे जाने की तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रशासन हरकत में आया और सम्बंधित जेलकर्मी को निलंबित कर दिया। वहीं वरिष्ठ अधिकारी से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
एटा जिला कारागार के जेलर कुलदीप सिंह भदौरिया ने बताया कि हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 92 वर्षीय बुजुर्ग बाबूराम बलवान सिंह की नौ मई को तबीयत खराब हो गई तथा उन्हें सांस लेने में भारी परेशानी होने लगी।
उन्होंने बताया कि उन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय एटा लाया गया, जहां से उन्हें चिकित्सक ने अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेज दिया, लेकिन अलीगढ़ में बिस्तर न उपलब्ध होने के कारण उन्हे वहां से वापस एटा जिला चिकित्सालय में 10 मई को गैर कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया।
अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में कैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बुजुर्ग का एक पैर में हथकड़ी लगा दिया और उसका दूसरा सिरा बिस्तर में लगे जंजीर से ताला लगाकर बांध दिया। बुजुर्ग की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अपर महानिदेशक (कारा) आनंद कुमार ने जेलकर्मी अशोक यादव को निलंबित कर दिया तथा वरिष्ठ अधिकारी से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सौरभ ने बताया कि बाबूराम थोड़े से मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं और बार-बार बेड से उठ कर भाग जाते हैं। इसलिए बार-बार भागने के दौरान इन्हें कहीं चोट न लग जाये, इसलिए इन्हें जंजीर में बांधकर रखा गया है। फिलहाल बुजुर्ग बाबूराम का जंजीर के साथ उपचार जारी है।