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Air Pollution से निपटने के लिए कारगार है कृत्रिम बारिश! जानिए क्या है क्लाउड सीडिंग?

Ritika Jangid
दिल्ली NCR में लगातार बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है।
इसके चलते रविवार शाम से दिल्ली में ग्रैप के चौथे चरण को लागू कर दिया है।
ऐसे में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग यानी की कृत्रिम बारिश भी कराई जाती है।
दिल्ली में 2018 में इसके जरिए प्रदूषण कम करने की योजना बनाई गई थी। आइए जानते हैं, कृत्रिम बारिश कैसे कराई जाती है।
बता दें, इस प्रक्रिया में एयरक्राफ्ट की मदद से आसमान में सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव किया जाता है।
यह जैसे ही हवा और आसमान में मौजूद बादलों के संपर्क में आते है, वैसे ही तेज गति से बादल बनने लगते हैं
इन्हीं बादलों के कारण बारिश होती है, इसे क्लाउड सीडिंग भी कहते हैं।
सिल्वर आयोडाइड बर्फ की तरह ही होती है और इससे नमी वाले बादलों में पानी की मात्रा बढ़ जाती है और फिर बारिश होती है।
इसे अत्यधिक सूखाग्रत क्षेत्र और प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए किया जाता है।