हाल ही में एक मामला इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इसमें एक महिला महज मछली खाकर कोमा पहुंच गई। जी हां आपे सही पढ़ा। हालांकि मछली खाने के शौकीनों की इस दुनिया में कोई कमी नहीं है। क्योंकि यह शरीर में प्रोटीन के लेवल को अच्छा सही करता है। लेकिन यह सोचने का विषय है कि मछली खाकर कैसे एक महिला कोमा में चली गई। आप भी ऐसा गलती न करें इसलिए आज हम आपके लिए एक ऐसा ही मामला लेकर आएं हैं। मछली में विटामिन और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर भी बीमार लोगों को मछली खाने की सलाह देते हैं।
बता दें कि ये मामला कैलिफोर्निया का है। 40 वर्षीय लॉरा बाराजस को मछली खाने का इतना शौक था आए दिन मछली ले आती थीं, खुद बनाती थीं और परिवार के साथ खाती थीं। लॉरा की दोस्त बताती है कि मार्केट से वह तिलपिया मछली खरीदकर लाई। रात को बनाया और खाकर सभी अपने कमरे में सोने चले गए। लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी हालत खराब हो गई। उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जब वह अस्पताल पहुंची तो पता चला कि कोमा में चली गई। उसके चार अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया। उसका पूरा शरीर काला पड़ गया था। उसकी किडनी खराब हो रही थी।
डॉक्टरों ने जब उन्होंने इसकी वजह बताई तो सब हैरान रह गए। बाराजस ने जो मछली बनाई थी वह कच्ची रह गई थी, जिसकी वजह से उसे यह घातक इंफेक्शन हुआ। बीते गुरुवार को उसकी सर्जरी की गई और कई अंगों का ट्रांसप्लांट किया गया। अभी भी वह जीवन मौत के बीच झूल रही है। आपको बता दें कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए।
संक्रामक रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोई भी इस बैक्टीरिया की चपेट में आ सकता है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर रहता है, उन्हें यह घातक संक्रमण होता है। अगर आपको कोई चोट लगी हो तो उसके ठीक होने तक पानी में डूबने से बचें। क्योंकि ऐसे लोगों को भी इस तरह का इंफेक्शन हो सकता है।