अस्पताल में एमआरआई "MRI" और सीटी स्कैन "CT Scan" जैसे बहुत से टेस्टों के बारे में तो आपको पता ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दोनों मेडिकल टेस्ट एक-दूसरे से किस तरह से अलग है और इनमें क्या फर्क हैं।
इनमें से कौन सा वो टेस्ट है जिसको बार-बार करवाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है और कौन-से टेस्ट को कब करवाना चाहिए? आखिर इन दोनों के क्या-क्या फंक्शन्स है? तो आइए आज हम आपको इन्हीं कुछ सवालों के जवाबों से रूबरू कराते है और इन दोनों ही मेडिकल जांचों के बारें में बताते है।
आइए सबसे पहले एमआरआई पर बात करते है । एमआरआई का पूरा नाम "Magnetic Resonance Imaging" है। मेडिकल इमेजिंग की इस तकनीक का इस्तेमाल करके हमारे शरीर के अंदर की तस्वीर ली जा सकती है। फिर उन तस्वीरों से शरीर में कौन सी बीमारी पनप रही है उसका पता लगाया जाता है। दिमागी बीमारी का पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल सबसे जरुरी और मुख्य है।
MRI में शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए चुंबकीय और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। नरम ऊतक (Soft Tissue) इमेजिंग के लिए, यह टेस्ट बेहतर साबित होता है। अक्सर रीढ़ और मस्तिष्क जैसे अंगो की करीबी जांच के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल रक्त वाहिकाओं, जोड़ों, मस्तिष्क, कलाई, टखने, छाती और हृदय को देखने के लिए किया जाता है।
"Computed tomography" सीटी स्कैन की फुलफॉर्म है। मेडिकली देखा जाए तो ये भी ये एक इमेजिंग टेक्निक है। इससे आमतौर पर शरीर के अंदर के अंगों की छोटी से छोटी तस्वीर लेकर उनकी पढ़ाई करने में भी बेहद हेल्प मिलती है। अगर आसान शब्दों में बोला जाएं तो ये एक तरह का थ्री डायमेंशनल एक्स-रे होता है। एक्स-रे और कंप्यूटर की हेल्प से, इस स्कैन के दौरान हमारे शरीर की क्रॉस-सेक्शनल इमेज बनाई जाती हैं, जो शरीर के भीतर विकसित होने वाली बीमारी को समझने में मदद करती हैं। इमरजेंसी के हालातों में, सीटी स्कैन का अक्सर उपयोग किया जाता है क्योंकि वे हड्डियों को देखने में बेहतर होते हैं। एक्स-रे के बदले में, यह अधिक साफ और बारीकी वाली फोटोज पेश करता है।
एमआरआई और सीटी स्कैन दोनों ही अलग-अलग तरीके के सिद्धांतों पर काम करते है। हमारे शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए एमआरआई मशीनें चुंबकीय और रेडियो तरंगों का उपयोग करती हैं। जबकि सीटी स्कैन में, शरीर के आंतरिक अंगों की क्रॉस-सेक्शनल छवियां बनाने के लिए एक्स-रे का उपयोग किया जाता है।
बार-बार सीटी स्कैन करवाना सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। हालाँकि, एमआरआई को बार-बार इमेजिंग के लिए सेफ माना जाता है। सीटी स्कैन पूरे शरीर को तुरंत स्कैन करने और हड्डियों और कैल्सीफिकेशन को देखने के लिए बेहद अच्छे से काम आता है। वही दूसरी जगह, एमआरआई के फायदे दिमाग, मांसपेशियों और अंगों जैसे कोमल ऊतकों (Soft Tissue) तक भी पहुंचते हैं।