कोरोना वायरस के बाद आए निपाह वायरस ने लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। कोरोना वायरस के बाद लोगों की जिंदगी अभी पटरी पर ही उतरी थी की निपाह वायरस ने उस डर को वापस ला दिया है। मालूम हो, कोझिकोड जिले में हुई दो लोगों की आप्रकृतिक मौत ने देशभर में खौफ की स्थिती पैदा कर दी है। इसकी के चलते उत्तरी केरल के सभी शिक्षण संस्थानों में दो दिन की छुट्टियों की घोषणा कर दी गई, ये एलान केरल में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए किया गया।
बता दें, केरल में निपाह वायरस के कारण संक्रमण का जोखिम बढ़ता जा रहा है, यहां पांचवें संक्रमित व्यक्ति की पुष्टि हुई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक बयान में कहा, कोझिकोड के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करने वाली 24 साल की स्वास्थ्य कार्यकर्ता में निपाह वायरस संक्रमण की जानकारी मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां एक नौ वर्षीय बच्चे की संक्रमण के कारण स्थिति काफी नाजुक भी बनी हई है, उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग के पास जो आंकड़े आए हैं, उनसे यह पता लगा है कि प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या 789 हो गई है। मामलों को बढ़ता देख, सीएम पिनाराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने कोझीकोड जिला कलेक्टर को पब्लिक प्लेस पर भीड़ को रोकने के लिए कहा है। जिले में 24 सितंबर तक सभी सार्वजनिक समारोह रोक दिए गए है और मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने उन दो निपाह पीड़ितों के रूट मैप जारी किए हैं, जिनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को ट्रैक करने में मदद मिल सके। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बढ़ते मामलों को देख स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम केरल भेजी है।
बता दें, इस बार केरल में जो निपाह स्टेन पाया गया है, वह बांग्लादेश वैरिएंट है जो कम संक्रामक है लेकिन मृत्यु दर अधिक है। ये स्ट्रेन इंसान से इंसान में फैलता है। इसलिए सभी को सचेत किया जा रहा है कि अगर वे अगर निपाह वायरस के लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।