भारत और भारत के बाहर साइबर क्राइम के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। साइबर क्राइम से आरोपियों के तो मजे आ जाते है लेकिन जिस व्यक्ति की जिंदगी भर की जमा पूंजी जाती है, उनके लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं होता है। अब एक और साइबर क्राइम का मामला सामने आया है, जहां विक्टिम तो अमेरिका की है लेकिन क्रिमिनल भारतीय है।
ये मामला अमेरिका के उत्तर पश्चिम मोंटाना के शहर कालीस्पेल का है, जहां एक 24 साल के भारतीय लड़के सुखदेव वैद ने अमेरिका की रहने वाली 73 वर्षीय महिला के 1 लाख 50 हजार डॉलर चुरा लिए। दरअसल, जेन डो नामक महिला को उनकी कंप्युटर स्क्रीन पर पॉप-अप नोटिस दिखाई दिया था। जिस पर लिखा था, यह 'हैक्ड' है, जिसके बाद डो को ग्राहक सहायता के लिए एक नंबर पर कॉल करने के लिए कहा गया था। डो ने ठीक वैसे ही किया और धोखेबाजों ने उसे फेड में सुरक्षित रखने के लिए अपने बैंक खातों से नकदी निकालने का निर्देश दिया।
बता दें, इसके बाद अमेरिकी जिला न्यायाधीश डोनाल्ड डब्ल्यू मोलॉय ने सुनवाई करते हुए कहा कि डो ने निर्देशों का अनुपालन किया और धोखेबाजों को 1 लाख 50 हजार डॉलर नकद दिए। FBI की योजना के मुताबिक मार्च में, डो ने धोखेबाजों को बताया कि उसके पास अभी भी 50 हजार डॉलर नकद हैं, जो कि सिर्फ एक चाल थी।
वैद ने डो से पैसे चुराने के लिए गेन्सविले, फ्लोरिडा के सह-प्रतिवादी एडली जोसेफ के साथ मोंटाना की यात्रा की.जब वे पैसे लेने पहुंचे तो पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। जांच से पता चला कि जालसाजों ने अल्ट्राव्यूअर का उपयोग करके दूर से डो के कंप्यूटर तक पहुंच बनाई, जिसे उन्होंने उसके कंप्यूटर पर इंस्टॉल किया था।
मालूम हो, मोंटाना में अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, वैद को कार्यवाही लंबित रहने तक हिरासत में लिया गया है और उसकी सजा अगले साल 14 फरवरी को सुनाई जाएगी।