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16 हजार करोड़ की लागत में बना होटल, 25 सालों से कोई रहने नहीं आया, जानिए इसके सालों से सुनसान पड़े रहने का राज

इस गंगनचुंबी इमारत का नाम रयुगयोंग होटल है। जिसका निर्माण 16 हजार करोड़ रुपये में किया गया था। लेकिन सब से हैरानी की बात ये है कि इसमें 25 सालों से कोई भी रहने के लिए नहीं आया है। क्योंकि ये होटल कभी लोगों के लिए खुला ही नहीं। आपको भी हैरानी हुई होगी की 16 हजार की लागत से बनाया

Khushboo Sharma
दुनिया में ऐसे कई घर है जो अपने छुपे रहस्यों के कारण बंद हो जाते है और वहां जाने की किसी की हिम्मत भी नहीं होती है। लेकिन क्या आपने ऐसे होटल के बारे में सुना है, जिसमें अभी तक एक भी गेस्ट रहने नहीं आया,? हो सकता है आप इस होटल को अब किसी रहस्यमयी चीज़ों से जोड़ कर देख रहे हों। लेकिन ये होटल अपने छुपे रहस्यों के कारण नहीं बल्कि अपनी किस्मत के कारण सुनसान पड़ा है।
16 हजार करोड़ में बना होटल
इस गंगनचुंबी इमारत का नाम रयुगयोंग होटल है। जिसका निर्माण 16 हजार करोड़ रुपये में किया गया था। लेकिन सब से हैरानी की बात ये है कि इसमें 25 सालों से कोई भी रहने के लिए नहीं आया है। क्योंकि ये होटल कभी लोगों के लिए खुला ही नहीं। आपको भी हैरानी हुई होगी की 16 हजार की लागत से बनाया होटल आखिर लोगों के लिए खोला क्यों नहीं गया था। तो बता दें, 1992 में आर्थिक संकट के कारण होटल का काम रूक गया था। जिसके बाद से यह होटल बंद ही पड़ा है। अब इस होटल का इस्तेमाल प्रचार के लिए एक विशाल टेलीविजन स्क्रीन के रूप में किया जाता है। 
कहां है 'होटल ऑफ डूम'?
रयुगयोंग होटल नॉर्थ कोरिया के राजधानी प्योंगयांग में स्थित है। ये होटल नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन के आलीशान घर से लगभग 12 मील यानी 19.3 किलोमीटर की दूरी पर है। इस होटल की ऊंचाई 1082 फीट है। जिसमें 3000 कमरे बनाने की प्लानिंग थी। आपको बता दें, इस होटल का मकसद आर्थिक और राजनीतिक ताकत का प्रतीक होना था, लेकिन 25 सालों से अधिक समय से यह खाली पड़ा हुआ है। अब रयुगयोंग होटल को 'होटल ऑफ डूम' का उपनाम दिया गया है।
अपने नाम रखता है ये रिकॉर्ड
रयुगयोंग होटल यदि आज के समय खुला होता, तो यह अपने नाम दुनिया का सबसे ऊंचा होटल होने का रिकॉर्ड रखता, हालांकि अब इसे धरती पर सबसे ऊंची खाली इमारत होने का रिकॉर्ड मिला हुआ है। दरअसल, इस होटल का निर्माण 1987 में शुरू हुआ था। तब इसे 2 साल बाद खोलने का इरादा था। लेकिन 1992 में इस होटल में निर्माण का काम रुक गया, क्योंकि सोवियत संघ के पतन के बाद उत्तर कोरिया आर्थिक संकट से जूझना पड़ा।