उत्तरी अफ्रीकी के देश लीबिया में विनाशकारी तूफान 'डेनियल' के बाद आई बाढ़ से हर जगह तबाही का मंजर पसरा हुआ है। लीबिया का पूर्वी शहर डर्ना (Derna) इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। बता दें, अकेले डर्ना में अब तक 5,300 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं रिपोर्ट के मुताबिक ये संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि बाढ़ में करीब 10 हजार लोग भी लापता हुए हैं। जबकि डर्ना शहर का लगभग एक चौथाई हिस्सा बाढ़ की वजह से पूरी तरह तबाह हो गया है। वहीं, लीबिया के प्रधानमंत्री ओसामा हमाद ने बाढ़ के कारण मची तबाही के चलते देश में तीन दिन के शोक की घोषणा कीं। साथ ही देश भर में झंडे को आधे झुकाने का आदेश दिया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले से ही बाढ़ग्रस्त इलाकों में दो बांध के टूट जाने से पानी का सैलाब आ गया, जिसमें हजारों लोग बह गए। जिनमें से अधिकांश लोग अब भी लापता हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेडक्रॉस और टेड क्रिसेंट सोसाइटीज के लीबिया के दूत टैमर रमदान ने बताया है कि बाढ़ के बाद से 10 हजार लोग लापता हैं। वहीं ये आकड़ां भी 10 हजार के पार जा सकता है।
वहीं, आपदा मामलों के मंत्री हिचेम चिकीओत ने एक इंटरव्यू में कहा कि वो डर्ना की नाशक बाढ़ को देखकर लौटे हैं। अपनी आंखों से देखें खौफनाक मंजर को बयां करते हुए वे कहते है कि वहां, चारों तरफ शव बिखरे पड़े हैं। समुद्र में, घाटियों में, इमारतों के नीचे हर जगह शव पड़े हैं। उनके मुताबिक, शहर का लगभग 25 फीसदी हिस्सा गायब हो गया है। कई इमारतें ढह गई हैं।
बाढ़ के कारण हुई मौतों पर पूर्वी लीबिया के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 1,000 से ज्यादा लाशें इकट्ठी की गईं है, जिनमें से अब तक कम से कम 700 को दफनाया जा चुका है। वहीं कई जगहों पर सामूहिक कब्रिस्तान बनाए जा रहे हैं। बता दें, एक रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही तूफान ने तट पर दस्तक दी, डर्ना निवासियों ने कहा कि उन्होंने जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी और महसूस किया कि शहर के बाहर के बांध ढह गए हैं। वहीं, अब मौजूदा हालत को देखते हुए देश के अन्य हिस्सों से राहत और बचाव कर्मियों को बुलाया गया है। लेकिन बाढ़ में सड़क के भी बह जाने के कारण रेस्क्यू अभियान में दिक्कत आ रहीं हैं।