शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का दिन है, इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने वालों पर महाकाल की कृपा बरसती है। जानते हैं इस साल अधिकमास की मासिक शिवरात्रि व्रत की शुभ तिथि, मुहूर्त।
शिव भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि का बहुत महत्व है। हर माह में कृष्ण पक्ष की चर्तुदशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। पूरे वर्ष में 12 मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है।
मासिक शिवरात्रि की पूजा विधिः
मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्य के उदय होने के पहले उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। स्नान के बाद चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र स्थापित कर जल, दूध, गंगाजल, शक्कर शुद्ध घी, दही और शहद अर्पित करना चाहिए। शिव भगवान को प्रिय बेलपत्र, धतुरा और भांग चढ़ाना चाहिए।धूप दीप से भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करनी चाहिए और शिव मंत्र का जाप करना चाहिए।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
भाद्रपद माह की चतुर्दशी 13 सितंबर को देर रात 02 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 14 सितंबर को ब्रह्म बेला में 04 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 13 सितंबर को व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा आराधना कर सकते हैं। धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।
अधिकमास की मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि में 12 बजे के बाद एक धतूरा शिवलिंग पर चढ़ा दें। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र 108 बार जपें और फिर अगले दिन ये धतूरा अपने तिजोरी या धन स्थान पर रख दें। ये उपाय धनदायक है।धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए ये बहुत कारगर माना जाता है।
साधक मनोवांधित फल की प्राप्ति हेतु व्रत रख सकते हैं। व्रत के दौरान दिन में एक फल और एक बार मीठा जल ग्रहण कर सकते हैं। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें। साधक संध्याकाल में भजन कीर्तन कर सकते हैं। अगले दिन पूजा पाठ कर व्रत खोलें।