गर्मी अधिक होते ही हमें उम्मीद करते है, जल्दी से जल्दी बारिश होने की। ताकि मौसम भी सुहावना हो जाएं और हमें गर्मी से राहत भी मिल जाएं। लेकिन अगर कभी ऐसा हो कि बारिश की बूंदों की जगह, प्लास्टिक बरसें तो आपको कैसा लगेगा? हो सकता है ये सुनने में आपक अटपटा लगें लेकिन वैज्ञानिकों ने तो ये ही दावा किया है कि भविष्य में पानी की जगह प्लास्टिक बरस सकती है। जिसके चलते भविष्य में लोगों और पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा।
बता दें, इस हैरान करने वाले रिसर्च का खुलासा जापान में शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं ने आसमान में बादलों के बीच तैरते हुए नौ प्रकार के पॉलिमर और एक रबर की खोज की है, जो जलवायु के लिए एक चिंताजनक संकेत है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों की एक टीम माउंट फूजी और माउंट ओयाम पर छाए हुए बादलों से पानी इकट्ठा करने के लिए चढ़ी थी।
जहां उन्होंने पानी के नमूने इकट्ठा किए और फिर उन नमूनों को लैबोरेट्रीज में लेकर गए, जहां एडवांस्ड कंप्यूटर इमेंजिंग ने बादलों से मिले पानी के भौतिक और रासायनिक गुणों का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण में पाया गया कि वैज्ञानिकों ने जो पानी इकट्ठा किया है उसमें प्रत्येक लीटर पानी में प्लास्टिक के 6.7 से 13.9 टुकड़े थे, जिनकी माप 7.1 माइक्रोमीटर से लेकर 94.6 माइक्रोमीटर तक या एक इंसानी बाल के व्यास के बराबर थी।
इस रिचर्स को एनवायर्नमेंटल केमिस्ट्री लेटर्स में पब्लिश किया गया है, जिसमें शोधकर्ताओं ने बादलों में प्लास्टिक की मौजूदगी को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि ये भविष्य में धरती के वायुमंडल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बादलों में प्लास्टिक के ये कण प्रदूषण की वजह से ही आए हैं और अगर इसपर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इससे बारिश का पूरा चक्र बिगड़ सकता है, जिसका खामियाजा हमें भविष्य में सूखे के रूप में भुगतना पड़ सकता है।
हालांकि, पानी में प्लास्टिक के कण मिलने वाली खोज 2019 में भी हुई थी। जहां रॉकी माउंटेन नेशनल पार्क की चोटियों सहित कोलोराडो की अलग-अलग जगहों पर बारिश के साथ प्लास्टिक के कण भी बिखरे हुए पड़े मिले थे।