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Presidency Of G20 2023: जानें कैसे मिलती है जी20 की अध्यक्षता, अगले साल है इस देश का नंबर

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी या जी-20, 19 देशों से बना है, जिसमें यूरोपीय संघ 20वां सदस्य है। बता दे G-20 शिखर सम्मेलन वर्ष में केवल एक बार होता है। साल 2008 में बने इस सगंठन का 2009 और 2010 में दो बार बैठक आयोजित किया गया था।

Desk Team
कल से देश की राजधानी दिल्ली में जी20 देशों की बैठक होनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए तैयारी जोरो शोरो से चल रही है। इस साल भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है, इसके लिए भारत ने तैयारी कर ली है, लेकिन यहाँ पर एक सवाल काफी ही महत्वपूर्ण है कि इस बार भारत ही क्यों जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। आज की खबर में हम आपको बताएँगे कि कैसे जी20 के अध्यक्ष देशों को चुना जाता है और अगले साल कौन-सा देश इसकी अध्यक्षता करेगा। 
क्या है जी-20 
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी या जी-20, 19 देशों से बना है, जिसमें यूरोपीय संघ 20वां सदस्य है। बता दे G-20 शिखर सम्मेलन वर्ष में केवल एक बार होता है। साल 2008 में बने इस सगंठन का 2009 और 2010 में दो बार बैठक आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन के लिए समूह के सदस्य देशों के अध्यक्षों के साथ-साथ कई अन्य देशों को भी बुलाया जाता है। इसके बाद सभी राष्ट्राध्यक्ष एकत्रित होते हैं और लंबी चर्चा करते हैं। जी-20 की बैठक इस साल दिल्ली के प्रगति मैदान में होगी जबकि इसकी अध्यक्षता भारत के पास है।
इस साल भारत के पास मौका 
हर साल एक अलग देश जी-20 बैठक का नेतृत्व करता है। पिछले साल इंडोनेशिया ने जी-20 बैठक की मेजबानी की थी। जिसके बाद इंडोनेशिया ने भारत को जी-20 की अध्यक्षता दे दी थी। इस साल भारत जी-20 समूह का मेजबानी कर रहा है। जिसके बाद यह जिम्मेदारी ब्राजील को मिल जाएगी, जो अगले साल बैठक की मेजबानी करेगा। 
ठीक इसी प्रकार ब्राजील में बैठक होगी। आपको बता दे ये एक पिरामिड के आकर के तरह चलता है, जिसमें सबसे ऊपर अभी अध्यक्षता करने वाले देश का नाम होता है और बाकि जगहों पर पिछले साल और अलगे साल बैठक की मेजबानी करने वाले देशो का नाम होता है। 
कैसे बना जी-20 
यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस और जापान ने सबसे पहले जी-7 देशों का समूह बनाया था, जिसका विस्तार ही जी-20 माना जाता है। 1998 में इस समूह में रूस भी शामिल हो गया था, जिसके बाद इस इस ग्रुप का नाम जी-8 हुआ और आगे 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के विचार पर चर्चा हुई और अगले वर्ष बर्लिन में एक बैठक आयोजित की गई जहां जी-20 का मुद्दा उठा। 2007 में वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर जी-20 फोरम को राष्ट्र प्रमुखों का दर्जा दिया गया था।