सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मंगलवार को सेम सेक्स मैरिज को कानूना मान्याता देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत एलजीबीटीक्यू समुदाय के विवाह पर कानून नहीं बना सकती है और इसका अधिकार सिर्फ संसद के पास है। वहीं कोर्ट ने समलैंगिक कपल को अधिकारों देने के पक्ष में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को समिति बनाने के लिए निर्देश दिए है।
हालांकि, भारत में समलैंगिक विवाह को मान्यता प्राप्त होने में शायद थोड़ा और समय लगे लेकिन आज हम आपको कुछ और ऐसे देशों के बारे में बताने वाले है, जहां समलैंगिक विवाह को मान्यता प्राप्त नहीं है। वहीं, कुछ देशों में तो इन जोड़ों को कठोर सजा भी दी जाती है।
इन देशों की सूची में, पाकिस्तान, अरब अमीरात, अफगानिस्तान, कतर, शरिया और उत्तरी नाइजीरिया के कुछ हिस्सो में समलैंगिक विवाह अवैध है। वहीं, इरान और सोमालिया में समलैंगिक संबंधों पर मौत की सजा सुनाई जाती है। जबकि अफ्रीकी देश जैसे की युगांड़ा में समलैंगिक रिलेशन के खिलाफ फांसी या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इससे अलग रूस में LGBTIQA के किसी विवाह रोकने को लेकर कानून बनाए गए हैं।
जहां, एक तरफ कई देशों में सेम सेक्स मैरिज अवैध है, वहीं कुछ देश ऐसे भी है जिन्होंने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है। इनमें 34 देश शामिल है।
2005 में कनाडा ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे दी थी।
26 जून 2015 को संयुक्त राज्य अमेरिका में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता मिल गई थी।
फ्रांस में 2013 को समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया गया था।
इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड में 2014 में और उत्तरी आयरलैंड में 2020 में समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया गया था।
जर्मनी में 1 अक्टूबर, 2017 को समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया गया था।
2016 में इटली में समान-लिंग वाले जोड़ों को वैध कर दिया गया और उनको कुछ कानूनी मान्यताएं दे दी गई थी।
दक्षिण अफ्रीका में इस कानून को लेकर काफी लंबी बहस चली लेकिन 30 नंबर 2006 को इसे कानूनी मान्यता दे दी।
इसके अलावा स्पेन, नॉर्वे, नीदरलैंड, फिनलैंड, डेनमार्क, क्यूबा, स्लोवेनिया और बेल्जियम में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता प्राप्त हैं। मालूम हो, पिछले साल ही तीन देश एंडोरा, क्यूबा और स्लोवेनिया ने भी समलैंगिक विवाह को वैध करार दिया है।