केन्या में एक गांव है, जिसका नाम उमोजा है। ये दिखने में किसी भी गांव की तरह है, लेकिन इसमें एक बड़ा अंतर है जो शायद ही किसी गांव में होगा। बता दें इस गांव में पुरूषों के लिए कोई जगह नहीं है। इस गांव में पुरूषों की पाबंदी पर लगा रखी है।
वर्षों से महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, उसका अंदाजा लगा पाना भी शायद मुश्किल है। चाहे कोई भी देश हो उन्हें बेइज्जत होना ही पड़ता है। उनकी इस परिस्थिति का कारण अधिकतर पुरूष हैं। पुरूषों को शुरू से सम्मान, बल, स्थान, स्वतंत्रता मिलता आया है, लेकिन यहीं महिलाओं की स्थिती उनसे कई ज्यादा खराब है। इसी कारण से महिलाओं ने मिलकर अपना ही एक गांव बसा लिया जहां सब कुछ है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, ताजी हवा, बस एक चीज नहीं है, वो है पुरूष। आज हम आपको दुनिया के इकलौते ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां मर्दों की एंट्री पूरी तरह से पाबंदी है।
रिपोर्ट के मुताबिक केन्या में गांव है जिसका नाम उमोजा है ये दिखने में दुनिया के किसी भी आम गांव की तरह है, पर इसमें एक बड़ा फर्क है जो शायद ही किसी गांव में होगा। इस गांव में पुरूषों की एंट्री पर पाबंदी लगा हुआ है। गांव को महिलाओं का ही राज चलता है, इसकी देखरेख महिलाएं करती हैं। बता दें कि आज से करीब 30 साल पहले इस गांव की स्थापना हुई थी। यहां रहने वाली महिलाएं शरणार्थी हैं। ये सारी महिलाएं संबुरू जनजाति का छोटा हिस्सा हैं जो मसाई समुदाय का भाग माना जाता है।
संबुरू महिलाओं को पति की जागीर माना जाता है। उनके पास बहुत कम अधिकार होते हैं। उनके पास ना ही जमीन और ना ही जानवर के अधिकार का हक होता है। कई बार इन महिलाओं का ज्यादा उम्र के पुरुषों के साथ बाल विवाह कर दिया जाता है तो कई बार उनका खतना भी होता है। यही नहीं, वो घरेलु हिंसा और यौन उत्पीड़न का भी शिकार होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि 1990 के दशक में ब्रिटिश सैनिकों ने उस इलाके में इन महिलाओं का रेप किया। जिसके बाद उनके पतियों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया।