अंग्रेज़ो ने भारत समेत कई मुल्को यानि पूरे 80 मुल्कों पर राज किया. तब दुनिया के 26 फीसदी इलाके ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे. करीब 45 करोड़ आबादी पर वे हुकूमत किया करते थे. लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था. कई जगह उन्हें भयानक जंग लड़नी पड़ीं. मुकाबला करना पड़ा. इनमें से एक दक्षिण अफ्रीका का जुलु कबीला भी था, जिसने अपनी जमीन पर अंग्रेजी हुकूमत को ललकारा.
आज भी इस जगह पर इस कबीले का शासन चलता है. संवैधानिक रूप से यह दक्षिण अफ्रीका का हिस्सा है, लेकिन यहां के राजा को लोग बहुत मानते हैं. लेकिन इन दिनों यहां के राजा को अजीब बीमारी हो गई है, जिसे लेकर पूरी दुनिया की नजर है. राजा को डर है कि जिस तरह जहर देकर उनके एक करीबी को मारा गया, उसी तरह उन्हें भी जहर दिया जा सकता है. इसलिए वह दक्षिण अफ्रीका छोडकर दूसरी जगह अपना इलाज करा रहे हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलु राजवंश दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर और प्रभावशाली पारंपरिक राजपरिवारों में से एक है. तकरीबन 50 साल तक यहां गुडविल ज़्वेलिथिनी के हाथ में सत्ता रही लेकिन पिछले साल उनकी मौत के बाद मिसुजुलु जुलु ने कमान संभाली. अब कहा जा रहा कि उन्हें रहस्यमय बीमारी हो गई है. शायद किसी जहर के संपर्क में आ गए हैं. एक दिन पहले उनके एक करीबी सलाहकार की जहर से मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद से आशंका गहरा गई है. हालांकि, जुलु समाज के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी हालत बेहतर है और कोई परेशानी वाली बात नहीं.
राज्य के प्रधानमंत्री प्रिंस मैंगोसुथु बुथेलेजी ने कहा कि बीमार पड़ने के बाद सम्राट को एस्वाटिनी में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राजा का मानना है कि शनिवार को उनके जिस करीबी सलाहकार की अचानक और अप्रत्याशित मौत हुई, उसे जहर दिया गया था. जब राजा खुद को अस्वस्थ महसूस करने लगे, तो उन्हें संदेह हुआ कि उन्हें भी जहर दिया गया है. इसलिए अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने कहा, राजा ने एस्वातिनी में इलाज को प्राथमिकता दी क्योंकि उन्हें डर था जिस तरह उनके माता-पिता ने दक्षिण अफ्रीका में इलाज कराया और उनकी मौत हो गई. उसी तरह उनके साथ भी छल हो सकता है.
1.1 करोड़ जुलु लोगों पर राजा का प्रभाव
एस्वाटिनी के कई पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की कि देश के शाही निवास के नजदीक एक निजी अस्पताल में भारी सुरक्षा तैनात की गई थी.हालांकि बाद में शाही प्रवक्ता ने कहा कि राजा पूरी तरह ठीक हैं और फिलहाल किसी अस्पताल में भर्ती नहीं हैं. उन्होंने गलत खबरें फैलाने वालों की आलोचना की. बता दें कि जुलु कबीले के राजा के पास कोई कार्यकारी शक्ति तो नहीं, लेकिन यह एक प्रभावी जनजाति है और 1.1 करोड़ जुलु लोगों पर राजा का प्रभाव साफ नजर आता है. यह संख्या दक्षिण अफ्रीका की कुल आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा है. बता दें कि राजा ज्वेलिथिनी, जिनकी 50 से अधिक वर्षों तक शासन करने के बाद मृत्यु हो गई, ने छह पत्नियां और कम से कम 28 बच्चे छोड़ दिए. इनमें सिंहासन को लेकर विवाद बना रहता है.
हीरे की खदानों पर भी कब्जा चाहते थे अंग्रेज
इतिहासकारों के मुताबिक, जुलु जनजाति के लोग लड़ने में बहुत एक्सपर्ट होते हैं. वे किसी भी जंग ले लेते, उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनका दुश्मन कितना ताकतवर है. 1879 में दक्षिण अफ्रीका में जुलु युद्ध हुआ था, जो काफी भयानक था. तकरीबन छह महीने तक चली इस लड़ाई में जुलु के लोगों को मात खानी पड़ी थी. ब्रिटिश सरकार जुलु वाले इलाके पर कब्जा चाहती थी क्योंकि यहां हीरे की खदानें हैं और उसके लिए श्रमिकों की जरूरत थी.