बीते शनिवार को ईसाई के पवित्र दिन पर इजरायल पर हमास के हमालो नें सभी को सन्न कर दिया। पहला हमला उस समय में हुआ जब पूरे इजरायल नींद में सो रहा था। पर एक सवाल सबके मन में आया कि जिस आयरल डोम पर इजरायल सबसे ज्यादा भरोसा करती है, वो आयरन डोम इजरायल की सुरक्षा नहीं कर पाया? हवा में ही दुश्मन के हवाई रॉकेटों और मिसाइलों को खत्म करने वाला आयरन डोम सिस्टम उस समय सही से काम नहीं कर पाया जब हमास ने कुछ ही मिनटों में 5,000 रॉकेट लॉन्च दाग दिए।
आयरन डोम में एक विशेष प्रकार की मिसाइल रक्षा प्रणाली है। जिसमें जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लगी होती हैं। जब यह दुश्मन देश की मिसाइलों, रॉकेटों या ड्रोन का पता लगाता है तो तुरंत फायरिंग शुरू कर देता है। पूरे इजराइल में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसकी रेंज 70 किलोमीटर है। पर हमास के ड्रोन आत्मघाती हमलों और रॉकेट हमले से इज़राइल तबाह हो गया।
कम दूरी में हमास के पास कई रॉकेट है
हमास के पास जिस तरह के रॉकेट हैं, उससे इजराइल पूरी तरह खतरे में है। जैसे R160 रॉकेट की रेंज 160 किलोमीटर है। वे पूरे देश में हमला करने में सक्षम हैं। एम-75 रॉकेट, जिसकी मारक क्षमता 75 किमी है और 60 किलोग्राम हथियार ले जा सकता है, हमास के पास एक और हथियार है।
इसके अलावा, ग्रैड रॉकेट भी हैं जो 45 किलो वजनी हथियार लॉन्च कर सकते हैं और इनकी मारक क्षमता 48 किलोमीटर है। सबसे छोटी दूरी के लिए, QASSAM रॉकेट का उपयोग करें। जो अपने साथ 9 किलोग्राम तक हथियार ले जा सकता है। इजराइल को हराने के लिए हमास इस समय लगातार नए हथियार बना रहा है। इसके ड्रोन और मिसाइलें जीपीएस से चलते हैं।