शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व है। मासिक शिवरात्रि हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन शिव की पूजा और व्रत रखने से जीवन में कष्ट, पाप, भय से मुक्ति मिलती है। सितंबर में मासिक शिवरात्रि को भाद्रपद की शिवरात्रि कहते हैं। इस माह में 13 तारीख बुधवार को शिवरात्रि मनाई जाएगी। माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के मिलन का दिन है।
मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और घर के मंदिर में दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करें । ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ आज के दिन मंदिर जाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक जरूर करें। महादेव को बेलपत्र, शुद्ध घी, चीनी, शहद, दही इत्यादि अर्पित करें। साथ ही उन्हें धतूरा और श्रीफल भी चढ़ाएं।
मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन भगवान शिव के विशेष मंत्रों का जाप करें और हो सके तो शिव चालीसा व शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करता है, उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
शनि का प्रकोप- अगर जातक की राशि में शनि दोष है, उसे शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती के बुरे फल प्राप्त हो रहे हैं तो मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को काले तिल मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए।साथ ही ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
सुख-शांति-घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए इस दिन बैल को चारा अवश्य खिलाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही कई परेशानियां खत्म हो जाती है।
धन लाभ-आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन एक मुट्ठी चावल भगवान भोलेनाथ के अर्पित करें। ध्यान रहे अक्षत खंड़ित न हो। धन प्राप्ति के लिए ये उपाय बहुत फलदायी है।
भय से मुक्ति- कहा जाता है कि इस दिन शिव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के डर खत्म हो जाता है। ऐसा करने से साहस जाग्रत होता है और आत्मशक्ति मिलती है।