भारत और चीन हिमालय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग के लिए सहमत हो गए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार इस समझौते घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए होने वाली रूस यात्रा से पहले भारतीय विदेश नीति की एक बड़ी सफलता है।
विक्रम मिस्री ने कहा, कई दौर की चर्चाओं के बाद भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग व्यवस्था पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से सैनिकों की वापसी और 2020 में इन क्षेत्रों में उठे मुद्दों का समाधान हो रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि माना जा रहा है कि यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त पर केंद्रित होगा।
इस सफलता की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूसी शहर कजान की यात्रा से एक दिन पहले हुई है। पीएम मोदी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मंगलवार को रूस रवाना हो रहे हैं। उससे कुछ घंटे पहले ही यह समझौता हुआ है। हालांकि, कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक करेंगे। बता दें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-23 अक्टूबर को आयोजित हो रहा है।
पूर्वी लद्दाख में 2020 में हुई हिंसक सीमा झड़पों के बाद भारत और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और चीनी पीएलए के 20 से अधिक सैनिक मारे गए। सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की बातचीत के बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।