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अमेरिका ने फिर लगाया भारत पर आरोप, कहा भारत ने रची पन्नू की हत्या की साजिश

Desk Team

US-India Relations : अमेरिका खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की हत्या की साजिश पर खुल कर सामने आया है। अमेरिका का आरोप है कि हत्या की साजिश भारत ने रची थी। साजिश का इल्जाम निखिल गुप्ता पर लगाया है जिसके मुताबिक वो भारतीय अधिकारी के कहने पर पन्नू को ठिकाने लगवा रहा था। मामले को लेकर अमेरिका के न्याय विभाग ने निखिल गुप्ता के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। बता दें, अमेरिकी कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी की हत्या की साजिश रचता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है।

  • अमेरिका का आरोप भारत ने रची पन्नू की हत्या की साजिश
  • भारतीय अधिकारी के कहने पर पन्नू को ठिकाने लगवा रहा था निखिल
  • अमेरिका के न्याय विभाग में निखिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज

अमेरिका के लिए भारत का जवाब

इस पूरे मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, "जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर मामले का संबंध है, उसे कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है, यह चिंता का विषय है। यह सरकारी नीति के भी विपरीत है। "

ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के लिए काम करता था किलर

सूत्रों के मुताबिक न्याय विभाग की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज में भारतीय अधिकारी के नाम का भी जिक्र है। अधिकारी का नाम सार्वजनिक न करते हुए उसके लिए CC-1 का इस्तेमाल किया गया है। CC-1 भारत और अमेरिका में निखिल सहित कई और लोगों के साथ भी काम करता था। पन्नू को मारने की साजिश का मास्टरमाइंड इसे ही बताया जा रहा है। पन्नू को मरने के लिए निखिल ने CC-1 के कहने पर किलर ढूँढना शुरू किया। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति के जरिए वो किलर 'हिटमैन' से मिला। निखिल को लगा कि ये दोनों क्रिमिनल है लेकिन ये ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के एजेंट निकले।

भारत को अक्टूबर में मिली निखिल गुप्ता की जानकारी

US-India Relations : गौरतलब है कि निखिल को चेक रिपब्लिक से 30 जून को गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता के मुताबिक वह बिजनेस के सिलसिले में चेक रिपब्लिक गया था। नेशनल ड्रग अधिकारियों को निखिल के बारे में पता था जिसके लिए उसे गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी की जानकारी चेक में भारतीय दूतावास को दी गयी थी और बताया गया था कि अमेरिकी अदालत के आदेश पर निखिल को गिरफ्तार किया गया है।

भारत को इस मामले में पूरी जानकारी तब मिली जब अक्टूबर में यूएस डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलिजेंस एवरिल हैंस ठोस सबूत लेकर भारत आये थे। बता दें कि इन सबूतों के आधार पर ही निखिल पर मुकदमा चलाया गया है।

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