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विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय यात्रा पर पहुंचे वियतनाम, जानिए क्या कहा?

Desk Team

इस समय भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दक्षिण पूर्व एशिया के दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में रविवार को वियतनाम पहुंचे।बता दें अपने दौरे के दौरान वह द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
सदियों पुराने संबंधों का प्रतीक यहां का बोधि वृक्ष
आपको बता दें हनोई पहुंचने के तुरंत बाद जयशंकर ने ऐतिहासिक ट्रान क्वोक पैगोडा का दौरा किया। छठी शताब्दी में निर्मित, ट्रान क्वोक पैगोडा हनोई का सबसे पुराना बौद्ध मंदिर है। ऐतिहासिक मंदिर में जयशंकर का उनके वियतनामी समकक्ष बुई थान सोन ने स्वागत किया।'एक्स' पर अपनी यात्रा की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए जयशंकर ने कहा, ''हनोई में ऐतिहासिक ट्रान क्वोक पैगोडा का दौरा किया। भारत और वियतनाम के बीच सदियों पुराने संबंधों का प्रतीक यहां का बोधि वृक्ष है। इसे 1959 में (तत्कालीन) राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने वियतनाम के राष्ट्रपति हो ची मिन्ह को उपहार में दिया था।''
वियतनाम हमारी एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख सदस्य- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को नयी दिल्ली में कहा, ''भारत और वियतनाम एक मजबूत व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं। वियतनाम हमारी एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख सदस्य है। विदेश मंत्री की यात्रा कई क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करने और द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।''


जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे
जयशंकर वियतनाम के विदेश मंत्री समकक्ष बुई थान सोन के साथ आर्थिक, व्यापार और वैज्ञानिक तथा तकनीकी सहयोग पर भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की 18वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''विदेश मंत्री जयशंकर हनोई और हो ची मिन्ह सिटी का दौरा करेंगे तथा वियतनामी नेतृत्व के साथ बातचीत करने की उम्मीद है।''वह भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे और हो ची मिन्ह सिटी में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे। वियतनाम के बाद जयशंकर 19 से 20 अक्टूबर तक सिंगापुर की यात्रा पर जाएंगे।