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इमरान खान : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान के अपराध ही उन्हें जेल में रखने के लिए पर्याप्त हैं। मीडिया के अनुसार, उनकी यह टिप्पणी इमरान खान द्वारा की गई उस टिप्पणी के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने सरकार पर संविधान में संशोधन करने का आरोप लगाया था ताकि उन्हें सलाखों के पीछे रखा जा सके।
Highlight :
आसिफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, इमरान खान के अपराधों की लंबी सूची को देखते हुए, संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इमरान खान न केवल संविधान संशोधन से बल्कि पाकिस्तान में हो रही हर चीज से खुद को जोड़ना चाहते हैं, क्योंकि वह खुद को हर चीज का केंद्र मानते हैं।
इमरान खान ने सोमवार को कहा था कि पीएमएल-एन सरकार का संविधान संशोधन पैकेज उनकी कैद को बढ़ाने के लिए बनाया गया है और इसे देश और न्यायपालिका के लिए विनाशकारी बताया। ख्वाजा आसिफ ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इमरान खान को यह विचार करना चाहिए कि उन्होंने पिछले चार वर्षों में क्या अराजकता फैलाई है, विशेष रूप से 9 मई को राज्य के खिलाफ विद्रोह के प्रयास का जिक्र करते हुए। आसिफ ने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से उन्होंने बार-बार कहा है कि वे सत्ता प्रतिष्ठान से बात करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संवैधानिक संशोधन विधेयक एक सार्वजनिक दस्तावेज है, जिसके विषय-वस्तु में कोई रहस्य नहीं है।
इसके अलावा, आसिफ ने संसद के माध्यम से नए कानून के पारित होने की उम्मीद जताई। उनकी यह टिप्पणी पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा आवश्यक संख्या प्राप्त करने में विफलता के बावजूद आई, जिसके कारण इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। उन्होंने सरकार के न्यायपालिका-केंद्रित संवैधानिक संशोधनों के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इन परिवर्तनों का उद्देश्य संस्थाओं के बीच शक्ति संतुलन बनाए रखना है।
पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर अली खान ने आसिफ के बयानों का खंडन किया और कहा कि पार्टी ने सरकार के संवैधानिक संशोधन पैकेज का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पीटीआई के सांसदों ने प्रस्तावित बदलावों के मसौदे की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने नए कानून का समर्थन करने का कोई वादा नहीं किया है।
इस समय, पाकिस्तान में संवैधानिक संशोधनों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रस्साकशी जारी है। सरकार का संविधान संशोधन विधेयक मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा के कार्यकाल को बढ़ाने और न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है। इसके लिए सरकार को संसद में दो-तिहाई बहुमत हासिल करना होगा। इस प्रकार, पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति में तनाव और आरोप-प्रत्यारोप जारी है, जो देश की स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
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