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अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करना अब और होगा मुश्किल, अस्थायी अप्रवासियों के खिलाफ नियम हुए कड़े

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले और बाद में मानवीय कारणों से अस्थायी दर्जा देने वाले अप्रवासी ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने और स्थायी निवासी बनने के पात्र नहीं हो सकते हैं।

Ujjwal Jain
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले और बाद में मानवीय कारणों से अस्थायी दर्जा देने वाले अप्रवासी ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने और स्थायी निवासी बनने के पात्र नहीं हो सकते हैं। 
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार के फैसले से हजारों अप्रवासी प्रभावित हो सकते हैं। इनमें से कई लोग देश में पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं। न्यायमूर्ति एलेना कगन ने कहा कि सर्वसम्मत निर्णय अमेरिकी कानून का 'एक सीधा आवेदन' था, जिसके लिए आमतौर पर एक अप्रवासी को ग्रीन कार्ड का पात्र होने के लिए अमेरिका में कानूनी रूप से भर्ती होने की आवश्यकता होती है। 
कगन ने कहा कि अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) के परिणाम में कुछ भी नहीं बदलता है। अपने देश में मानवीय संकट के कारण अवैध अप्रवासियों को टीपीएस दिया जा सकता है। एबीसी न्यूज ने एक रिपोर्ट में कहा कि यह मामला सल्वाडोर के एक अप्रवासी जोस सैंटोस सांचेज द्वारा लाया गया था, जो 1993 में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश किया था। बाद में 2001 में यह टीपीएस के तहत संरक्षित था। 
उन्होंने 2014 में ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया था लेकिन उन्हें अनुचित माना गया था। सोमवार के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब है कि ये फैसला कायम रहेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में अल सल्वाडोर, हैती, सोमालिया, सीरिया और यमन सहित एक दर्जन देशों से टीपीएस के तहत लगभग 400,000 लोग अमेरिका में रहते हैं। उनमें से 85,000 लोगों ने नागरिकता पाने में कामयाबी हासिल की है।