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सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहा नेपाल, हिंदूओं पर बरसाए जा रहे पत्थर, यूपी में भी अलर्ट जारी

Desk Team

नेपाल इन दिनोे हिंसा की आग में झुलस रहा है। और इसका बड़ा कारण है यहां दो पक्षों के बीच संप्रदाईक तनाव हो गया, और ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में इस्लाम धर्म के खिलाफ आपत्तीजनक टिप्पणी कर के इसे अपलोड कर दिया था। जिसके बाद यह सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने लगा। वहीं इस पूरी घटना के बाद उत्तरप्रदेश से सटे नेपालगंज में बीफ विवाद को लेकर 3 अक्टूबर को भड़की सांप्रदायिक हिंसा अब हिंदूओं पर कहर ढहा रही है। दोनों पक्षों में पहले जमकर पत्थरबाजी हुई इसके बाद आगजनी भी हुई। प्रशासन तनाव को देखते हुए भारत से लगे इस सीमावर्ती शहर में फिलहाल कर्फ्यू लगा दिया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 

हिंसा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है एक समुदाय विशेष के लोग हिंदूओं पर पत्थरबाजी कर रहे है। हिंदू हाथों में भगवा लेकर इधर-उधर भाग रहे हैं। शहर के कई इलाकों में आगजनी भी हुई। कई जगहों पर पेट्रोल बम फेंके गए। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए कई राउंड फायरिंग की। घटना को देखते उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमावर्ती जिलों में अलर्ट जारी किया है।

हिंदूओं ने निकाला शांति मार्च
बता दें कि नेपालगंज में 3 अक्टूबर से हिंसा की घटनाएं हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार किसी युवक ने सोशल मीडिया पर इस्लाम के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद समुदाय विशेष नाराज हो गया। इसके कारण जगह-जगह आगजनी और पत्थरबाजी की खबरें सामने आई। इसके जवाब में मंगलवार को हिंदूओं ने हजारों की संख्या में सड़क पर उतरकर शांति मार्च निकाला। इस दौरान शांति जुलूस निकाल रहे हिंदूओं पर समुदाय विशेष के युवकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।

5 पुलिस वालों समेत 22 लोग जख्मी 

पत्थरबाजी की घटना में 5 पुलिस वालों समेत 22 लोग जख्मी हो गए। घटना के बाद प्रशासन ने नेपालगंज में मंगलवार दोपहर 1 बजे से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया। वहीं बांके के जिला अधिकारी ने कहा कि कर्फ्यू को सख्त कर दिया गया है। जमुनहा से नेपाल आने वाले भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेपाली जो भारत में कामकाज की वजह से जाते हैं। अब हिंसा की घटनाओं के बाद फिर से नेपाल लौट रहे हैं। जानकारी के अनुसार अब तक भारत से 1500 नेपाली अपने वतन लौट चुके हैं। वहीं प्रशासन ने भी कोई धार्मिक उन्माद फैलाने वाली सामग्री को सोशल मीडिया पर शेयर करने से मना किया है।