सीतारमण 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक मैक्सिको में हैं, जहां वह ग्वाडलजारा और मैक्सिको सिटी में विभिन्न क्षेत्रों के राजनीतिक एवं व्यापारिक नेताओं से बातचीत करेंगी। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय व्यापार एवं वाणिज्य परिषद, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने मैक्सिको में भारतीय दूतावास और आर्थिक मामलों के विभाग के सहयोग से किया था। इस अवसर पर मैक्सिको सिटी के आर्थिक विकास मंत्री मनोला जाबोलजा अल्दामा और मैक्सिको राज्य की लॉरा गोंजालेज के साथ-साथ सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष रामचंद्रन दिनेश और कॉन्सेजो कोऑर्डिनेटर एम्प्रेसरियल के अध्यक्ष फ्रांसिस्को सर्वेंट्स डियाज भी मौजूद थे।
इससे पहले मैक्सिको के जलिस्को राज्य में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गुडालाजारा (मेक्सिको के जलिस्को राज्य का शहर) में प्रमुख आईटी फर्मों की मौजूदगी के साथ एक संपन्न आईटी पारिस्थितिकी तंत्र है। वित्त मंत्री सीतारमण ने विशेष रूप से क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और फिनटेक में आपसी सहयोग के अवसरों का जिक्र किया, क्योंकि उन्होंने जलिस्को राज्य के गवर्नर-इलेक्ट पाब्लो लेमस नवारो से यूनिवर्सिडाड पैनमेरिकाना गुआडालाजारा में मुलाकात की। सीतारमण ने कहा, गुआडालाजारा में प्रमुख भारतीय और वैश्विक आईटी फर्मों की मौजूदगी के साथ एक संपन्न आईटी पारिस्थितिकी तंत्र है, जबकि भारत आईटी सेवाओं और नवाचार में अग्रणी है, इस प्रकार भारत और जलिस्को स्वाभाविक साझेदार हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि जलिस्को और भारत दोनों के पास कई विश्व स्तरीय संस्थान हैं और इस संसाधन का उपयोग हमारे शैक्षणिक और शोध संस्थानों के बीच सहयोग को मजबूत करके किया जाना चाहिए, विशेष रूप से तकनीक आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में छात्रों को वैश्विक आईटी और सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए तैयार करना चाहिए। वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी बताया कि ग्वाडलजारा विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ मेडिसिन और आयुष मंत्रालय ने ग्वाडलजारा विश्वविद्यालय में आयुर्वेद की एक अकादमिक चेयर स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है, जिससे आयुर्वेद में संयुक्त अनुसंधान और शिक्षण से लाभ होगा।
वित्त मंत्री सीतारमण के साथ बैठक में पाब्लो लेमुस नवारो ने कहा कि यह बैठक संस्कृतियों के बीच एक सेतु के रूप में हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है, जो आर्थिक और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देती है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने संबंधों को और मजबूत करने और विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, निर्यात और ऑटोमोटिव के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों का पता लगाने में आपसी रुचि की पुष्टि की।