देशभर में हिंदी दिवस गुरुवार (14 सितंबर) को मनाया गया। देशवासियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर यानि एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मेरे सभी परिवारजनों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. मेरी कामना है कि हिन्दी भाषा राष्ट्रीय एकता और सद्भावना की डोर को निरंतर मजबूत करती रहेगी।
वही ,इस मौके पर इजराइल, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया की एंबेसी ने भी अलग-अलग अंदाज में शुभकामनाएं दी। आपको बता दे कि हिंदी के महत्व को लोगों तक पहुंचाने और इसका प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
भारत और इजराइल के बीच रिश्ते लगातार मजबूत होते जा रहे हैं और इसकी बानगी 14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर एक बार फिर देखने को मिली।
भारत में इजरायली दूतावास ने बॉलीवुड यानी हिंदी सिनेमा के मशहूर डायलॉग्स का इस्तेमाल करते हुए एक वीडियो के जरिए अनोखे अंदाज में हिंदी दिवस की बधाई दी और कहा कि हिंदी सीखने का सबसे मनोरंजक तरीका हिंदी सिनेमा देखना है। इस वीडियो में भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलन फिल्म 'मोहब्बतें' से अमिताभ बच्चन का मशहूर डायलॉग 'परंपरा, प्रतिष्ठा और अनुशासन' दोहरा रहे हैं और इसे इजरायली दूतावास के 3 स्तंभ बता रहे हैं, जबकि इजरायली दूतावास के 6 अन्य अधिकारी बात कर रहे हैं। प्रसिद्ध हिंदी फिल्मों के बारे में. 6 अलग-अलग मशहूर डायलॉग्स 'एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो ओरी बाबू' , 'बाबू राव है, नहीं देवी प्रसाद है' , 'मैं अपनी फेवरेट हूं ' , 'बाबू मोशाय, जिंदगी बड़ी होनी चाहिए,लंबी नहीं' , 'डेढ़ सौ रुपैया देगा' , 'कौन है, जिसने दोबारा मुड़कर मुझे नहीं देखा' इस वीडियो में बोलते नजर आ रहे हैं।
इस अद्भुत और कलात्मक वीडियो को शेयर करते हुए इजरायली दूतावास ने एक्स (ट्विटर पर सबसे पहले) कर अनोखे अंदाज में हिंदी दिवस की बधाई दी और कहा कि लाइट्स, कैमरा, एक्शन! हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! हिंदी फिल्में हिंदी सीखने का सबसे मनोरंजक तरीका हैं।
इजरायली दूतावास ने आगे कहा कि इस मौके पर हिंदी सिनेमा के अपने पसंदीदा डायलॉग्स को अभिनय अंदाज में पेश किया गया है. आपको कौन सा डायलॉग सबसे ज्यादा पसंद आया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वीडियो पर रिप्लाई करते हुए इजरायली दूतावास के अनूठे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन…ये इस इजरायली दूतावास के तीन स्तंभ हैं। भारतीय फिल्मों के संवादों के जरिए हिंदी को बढ़ावा देने का इजरायली दूतावास का यह प्रयास अभिभूत करने वाला है।
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने शुभकामानाएं देते हुए पसंदीदा हिंदी के पांच शब्दों को साझा किया है
वहीं, भारत में ऑस्ट्रेलिया के दूतावास ने भी ऐसा ही वीडियो शेयर किया है। एंबेसी ने लिखा कि हिंदी न केवल ऑस्ट्रेलिया में, बल्कि दिल्ली स्थित हमारे राजनयिकों के बीच भी लोकप्रिय है। आज हिन्दी दिवस के अवसर पर हमारे राजनयिक अपनी पसंदीदा हिंदी कहावतें, जो उन्हें प्रेरित करती हैं आपसे साझा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वीडियो पर रिप्लाई करते हुए ऑस्ट्रेलिया के राजनयिकों की सराहना करते हुए कहा कि आपके ये दोहे और मुहावरे मंत्रमुग्ध करने वाले हैं! ऑस्ट्रेलिया के राजनयिकों का हिन्दी के प्रति ये लगाव बेहद ही दिलचस्प है।