World News: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन जारी है। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका तथा अन्य जगहों पर हिंसा भड़कने से कम से कम 18 और लोगों की मौत हो गई जबकि 2,500 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके साथ ही विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है।
आपकों बता दे, ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्रों ने 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। जिसकों लेकर यह विरोध प्रदर्शन दिन पर दिन उर्ग हो रहा है।
सरकार प्रदर्शनकारियों से बात करने को तैयार
कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा है कि सरकार प्रदर्शनकारियों से बात करने को तैयार है। छात्र चाहते हैं कि राज्य उन लोगों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण बंद करे जो 1971 में मुक्ति संग्राम से जुड़े हैं। इस बीच, भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए सलाह जारी की है। उन्होंने गैर-जरूरी यात्रा से बचने और अपने आवासों के बाहर आवाजाही को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने के लिए कहा है।
प्रदर्शन को लेकर सरकार ने उठाए कदम
प्रदर्शन को दबाने के लिए कई स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। बढ़ती ¨हसा के कारण अधिकारियों को गुरुवार दोपहर से ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ राजधानी में मेट्रो रेल सेवा को भी बंद करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी। सामने के हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया। कई वाहनों को आग लगा दी गई। पत्रकारों सहित लगभग 1,200 कर्मचारी अंदर ही फंस गए थे।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
निजी टेलीविजन चैनल ने कहा कि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबड़ की गोलियों, आंसू गैस और ध्वनि ग्रेनेड का इस्तेमाल जारी रखा। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच बड़ी झड़पें राजधानी के उत्तरा इलाके में हुईं जहां कई निजी विश्वविद्यालय स्थित हैं। प्रदर्शनकारियों ने चार महत्वपूर्ण शहरों मध्य ढाका, उत्तर पश्चिम राजशाही, दक्षिण पश्चिम खुलना और चट्टोग्राम में राजमार्ग और रेल मार्ग बाधित किये। ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए कई दिन से चल रहे विरोध प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। छात्रों की मांग है कि मौजूदा आरक्षण प्रणाली में सुधार करते हुए प्रतिभा के आधार पर सीटें भरी जाएं।
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