17वीं नवगठित विधानसभा का समवेत अधिवेशन संक्षिप्त 13 मिनट में ही अपना संबोधन भाषण दिया। उसमें बिहार को विकसित राज्य बनाने समेत कई योजनाओं पर चर्चा की। इसके बावजूद विपक्षी भाकपा-माले समेत कई लोगों ने शोर शराबा एवं हंगामा करने लगे।
साथ ही भाकपा-माले के विधायक सत्यदेव राम ने राज्यपाल फागू चौहान के लिखित भाषण के समानांतर भाषण सदन में पढ़ने लगे। इससे अजीबो-गरीब स्थिति बन गयी। अपने संबोधन में राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि राज्य की जनता ने अभी हमारे यहां शांतिपूर्ण, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव संपन्न हुए हैं।
राज्य की जनता ने विकास के एजेंडे को स्वीकार करते हुए सरकार का स्वरूप तय कर दिया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सरकार समावेशी विकास के पथ पर चलते हुए विकसित बिहार बनाने की ओर अग्रसर होगी।
विकास के प्रति राज्य के सभी वर्गों में खासकर युवाओं, महिलाओं एवं वंचित वर्गों में व्यापक जागरूकता दृष्टिगोचर होती है। इस जागरूकता को रचनात्मक आयाम देते हुए सरकार द्वारा राज्य के विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली महामारी पूरे विश्व के समक्ष एक चुनौती बनी हुई है। पूरा देश और बिहार भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार इस बीमारी की रोकथाम के लिए शुरू से सचेत रही है और लगातार इस पर काम कर रही है।
राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों को पूरी तरह लागू किया है। इस महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाये गये हैं। केन्द्र सरकार से भी इसके लिए जरूरी मदद मिली है।
राज्यपाल श्री चौहान ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्घांत पर हर क्षेत्र का विकास एवं हर तबके का उत्थान राज्य सरकार का मूल संकल्प है। राज्य सरकार कानून का राज कायम रखने के लिए संल्पित है। बिना कोई द्वेष या भेदभाव के कानून व्यवस्था को लागू किया गया है।
संगठित अपराध पर कड़ाई से अंकुश लगाया गया है और यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।राज्यपाल ने कहा कि लोगों की शिकायतों के निदान के लिए बिहार लोक सेवा शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू किया गया है एवं सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवा संबंधी शिकायतों के निवारण हेतु बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण अधिकार प्रणाली लागू की गयी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक सौहार्द्र एवं साम्प्रदायिक सदभाव का वातावरण कायम है। हाल में सभी त्योहार शांति-सौहार्द्र एवं आपसी भाईचारे के माहौल में संपन्न हुए हैं जिसके लिए बिहार की जनता बधाई की पात्र है। अपराध, भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता के विरूद्घ राज्य सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है।
राज्य में एक और जहां प्रभावी विधि व्यवस्था स्थापित करने में सफलता मिली है तो दूसरी ओर आधारभूत संरचनाओं के साथ साथ मानव संसाधन के विकास में भी नई ऊंचाईयां हासिल की है। राज्य सरकार द्वारा समावेशी विकास की रणनीति अपनायी गयी है।
ठोस अनुशासनिक एवं आधुनिक प्रशासनिक तथा वित्तीय संरचना को स्थापित करते हुए राज्य के विकास एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया गया है। इस प्रकार पिछड़े 15 वर्षों में बिहार की विकास दर दो अंकों में रही है। बिहार के विकास की रणनीति विकेन्द्रीत विकास की रही है इससे विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचा है और गरीबी में बहुत बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है।
राज्यपाल ने बताया कि राज्य सरकार पर्यावरण के संरक्षण के लिए पूरी तरह से कृत संकल्पित है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए जल जीवन हरियाली अभियान के कार्यक्रमों को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। राज्य के विकास एवं हर तबके के उत्थान के लिए नये कार्यक्रमों का निर्धारण किया जायेगा।
राज्य के अपने प्रयास और केन्द्र सरकार के सहयोग से बिहार को विकास की नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया जायेगा। राज्य सरकार बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के राज्य की प्रगति के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करेगी। विक्ष से सकारात्मक सहयोग की अपेक्षा है।
लोकतंत्र के हित में तथा बिहार के विकास के लिए आप सभी के सहयोग एवं योगदान की कामना है। नवगठित बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों के एक साथ समवेत सत्र में आप सबों की उपस्थिति के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, तेजप्रताप यादव, भाकपा माले नेता महबूब आलम, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा समेत सभी सदस्य उपस्थित थे।