राजद का एक गुट नीतीश का नेतृत्व स्वीकारने को लालायित : सुशील कुमार मोदी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

राजद का एक गुट नीतीश का नेतृत्व स्वीकारने को लालायित : सुशील कुमार मोदी

मंत्री रहते काम करने के बजाय शिक्षा पर धरना-प्रदर्शन की जो तमाशा-राजनीति उन्होंने शुरू की, उसे ‘आमरण अनशन’ के क्लाइमेक्स पर पहुंचाया।

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के बीच जनता दल यूनाईटेड (जदयू) एवं राजद के एकजुट होने के बयान को लेकर मचे घमासान पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि राजद का एक गुट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार है लेकिन दूसरे को परिवारवादी राजनीति बचाने के लिए श्री कुमार को कोसना जरूरी लगता है। 
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा, ‘‘राजद की मुश्किल यह है कि उसका एक गुट वजूद बचाने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार करने को लालायित है। लेकिन, दूसरे को (श्री तेजस्वी प्रसाद यादव) परिवारवादी राजनीति बचाने के लिए मुख्यमंत्री को दिन-रात कोसना जरूरी लगता है।’’ श्री मोदी ने कहा कि जिस दल के पास स्पष्ट नीति और साफ नीयत न हो, वे अन्तर्द्वन्द्व में जीते हैं और सत्ता के लिए तंत्र से तिकड़म तक सब कुछ आजमाते हैं।
भाजपा नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि जो लालू प्रसाद (राजद अध्यक्ष) द्वेषपूर्ण जातीय राजनीति से समाज को बांटकर बिहार पर 20 साल राज करने का दावा करते फिरते थे, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ करने की नीति से ऐसा सबक सिखाया कि उनकी पार्टी इस बार लोकसभा का मुंह नहीं देख सकी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय चुनाव की सफलता दोहरायेगा। 
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने शनिवार को बिहार में भाजपा को हराने के लिए जदयू और राजद को फिर से एक साथ आने का सुझाव दिया। उन्होंने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है। 
श्री सिंह ने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यदि जदयू महाराष्ट्र की तर्ज पर राजग से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो जाए तो तस्वीर बदल जाएगी। बिहार में पहले भी ऐसा हो चुका है, जब वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद-जदयू-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ और भाजपा को परास्त कर दिया। इस बार भी भाजपा विरोधी पार्टियां यदि एकजुट हो गईं तो बिहार में सत्ता परिवर्तन तय है। इस पर नेता प्रतिपक्ष एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव ने पलटवार कर कहा कि जदयू का राजद के साथ आने का सवाल ही नहीं उठता। इस तरह के बयान को कोई मतलब नहीं है।
श्री मोदी ने बिहार के नवादा और औरंगाबाद में केंद्रीय विद्यालय शुरू करने के लिए बिहार सरकार से जमीन देने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद, कुशवाहा पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल केंद, में मंत्री रहने के बावजूद वे बिहार में एक भी केंद्रीय विद्यालय नहीं खोलवा सके। मंत्री रहते काम करने के बजाय शिक्षा पर धरना-प्रदर्शन की जो तमाशा-राजनीति उन्होंने शुरू की, उसे ‘आमरण अनशन’ के क्लाइमेक्स पर पहुंचाया। 
भाजपा नेता ने कहा कि अनशन तोड़ने के लिए उन साथियों के आश्वासन पर भरोसा कर लिया, जो 15 साल में बिहार को केंद्रीय विद्यालय नहीं, केवल चरवाहा विद्यालय दे पाए। उन्होंने कहा कि शब्दों की समझ यह कि वे अपने अनिश्चितकालीन अनशन को ‘आमरण अनशन’ बताते रहे। 
गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय के लिए बिहार सरकार से जमीन देने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों तक आमरण अनशन पर रहे श्री कुशवाहा का अनशन शनिवार को राजद नेता श्री तेजस्वी प्रसाद यादव एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने जूस पिलाकर समाप्त कराया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।