बिहार में कई दिनों से जारी सियासी घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। एलजेपी में आयी दरार की वजह से चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस के खिलाफ जंग को तैयार है वहीं अब सत्ताधारी जेडीयू ने कांग्रेस में भी टूट का दावा किया है। आने वाले दिनों में बिहार की राजनीती में कई बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते है।
बिहार कांग्रेस ने भले ही लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान को महागठबंधन के साथ आने का ऑफर दिया है, लेकिन सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) ने कांग्रेस में ही टूट की भविष्यवाणी कर दी है। हालांकि कांग्रेस इसे जद(यू) की रणनीति बता रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में राजग में दूसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद (यू) अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है। कयास हैं कि (यू) अपने खेमे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश करेगी।
सूत्र कहते भी हैं कि कांग्रेस को तोडने की यह कोशिशें विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से हो रही है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के अधिकांश विधायक तो विशुद्ध कांग्रेसी है, लेकिन कुछ विधायकों की पृष्ठभूमि अन्य दलों की रही है। कहा जा रहा है कि (यू) ऐसे ही विधायकों पर नजर गड़ाए हुए है।
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी (यू) में आने से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, जिससे आज भी कांग्रेस में उनकी गहरी पैठ बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि उनका कांग्रेस के कई विधायकों से दोस्ताना संबंध आज भी बना हुआ है। इधर, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने गुरुवार को आईएएनएस के साथ बातचीत के क्रम में कांग्रेस में ऐसे किसी टूट से इंकार करते हुए कहा कि (यू) की राजनीति प्रारंभ से ही तोड़ने की रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट है और बने रहेंगे।
उन्होंने कहा, ” जदयू के रणनीति के तहत इस बात को तूल दे रही है कि कांग्रेस में टूट हो रही है। सरकार में शामिल राजग के दो घटक दल विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा इन दिनों सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार दबाव बना रहे हैं। ऐसे में जद(यू) ने कांग्रेस के टूट की अफवाह फैला दी।” इधर, कहा भी जा रहा है कि भाजपा की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी और जदयू के सहयोगी जीतन राम मांझी के तेवर को देखते हुए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश हो सकती है।
कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष राजेश राठौड भी कहते हैं, ” पिछले कई सालों से जदयू कांग्रेस को तोडने की कोशिश में है, लेकिन उनके मंसूबे सफल नहीं हो रहे हैं।” उल्लेखनीय है कि जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने दो दिन पहले दावा करते हुए कहा था कि कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और कांग्रेस में टूट हो सकती है।