बिहार सरकार कोरोना वायरस को लेकर एतिहात के तौर पर जहां पूरी तरह से अलर्ट है वहीं राज्य से बाहर खासकर पड़सी देश नेपाल से आने वाले अब तक एक लाख 12 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज यहां कोरोना वायरस को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आज तक बिहार के एक भी संदिग्ध में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण नहीं पाये गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ तैयार और अलर्ट है।
मंत्री ने कहा कि बिहार में अब तक राज्य से बाहर खासकर नेपाल से आने वाले एक लाख 12 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। इसके लिए भारत-नेपाल सीमा पर 49 जगहों पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। इनमें से एक भी व्यक्त्ति में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण नहीं पाए गए हैं। साथ ही बिहार के गया और पटना हवाईअड्डे पर भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। इन हवाईअड्डों पर करीब 17200 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
श्री पांडेय ने बताया इसकी रोकथाम और जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज बिहार के मुख्य सचिव को राज्य समन्वय समिति बनाने का प्रस्ताव भेजा गया, जिसमें अन्य संबंधित विभागों को भी रखा गया है। अब सभी सैंपल की जांच राजेन्द, मेमोरियल ऑफ रिसर्च इंस्टीच्यूट (आरएमआरआई) में होगी। उन्होंने बताया कि आरएमआरआई को पुणे स्थित वायोरोलॉजी लैब से जरूरी कीट््स एवं रि-एजेंट प्राप्त हो गए हैं।
मंत्री ने बताया कि 01 जनवरी 2020 के बाद विदेश भ्रमण करने वाले 121 लोगों को ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से 53 लोगों की 14 दिनों की ऑब्जर्वेशन अवधि पूरी हो गई है। शेष 68 लोग अभी भी स्वास्थ्य विभाग की निगरानी मे हैं।
श्री पांडेय बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावित संदिग्धों के लिए जहां गया चिकित्सा महाविद्यालय में 20 बेड का आइसोलोटेड वार्ड बनाया गया है, वहीं राज्य के अन्य आठ चिकित्सा महाविद्यालय एवं सभी सदर अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में सैंपल जांच कलेक्शन सेंटर बनाया गया है, जहां कोई भी संशकित व्यक्ति जांच करवा सकता है।