बिहार विधानसभा में आज चालू वित्त वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक बजट और इससे सबंधित विनियोग विधेयक पारित हो गया।
उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट से संबंधित बिहार विनियोग विधेयक (संख्या-3), 2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ पीड़तिं के लिए हेलिकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाना शुरू कर दिया गया है।
इसके लिए राहत सामग्री लेकर आज एक हेलिकॉप्टर को बाढ़ पीड़ित को भेज दिया गया है। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए कल दो और हेलिकॉप्टर भेजे जाएंगे।
श्री मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी के राज्य में राहत और बचाव कार्य के लिए केंद्र सरकार की ओर से शत-प्रतिशत सहायता पहुंचाये जाने के उद्देश्य से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने से संबंधित सुझाव पर कहा कि केंद्र द्वारा बाढ़ की स्थिति में राज्य को सहयोग देने के लिए स्थापित नियम हैं और इसके लिए राज्य सरकार विस्तृत ज्ञापन केंद्र सरकार को समर्पित करती है, जिसके आकलन के बाद ही केंद, से सहायता मिलती है।'
वित्त मंत्री ने आरोप लगाते हुये कहा कि केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान राजद के मंत्री काफी प्रभावशाली थे लेकिन उन्होंने कभी भी बिहार में आने वाली बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने के लिए कोई कोशिश नहीं की।
इस पर श्री सिद्दीकी ने कहा कि श्री मोदी ने स्वयं सदन में कल यह स्वीकार किया था कि यदि राज्य सरकार को बाढ़ पीड़तिं के राहत और बचाव कार्य में इतनी राशि खर्च नहीं करनी पड़ती और इस तरह की विपदा नहीं आती तो इस राशि का सदुपयोग विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में किया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए कि केंद, बिहार सरकार को बाढ़ पीड़तिं के राहत एवं बचाव कार्य में होने वाले खर्च की भरपाई करे। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि कुद साल पहले सदन से ही इस आशय का एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
सदन में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 14330 करोड़ रुपये के प्रथम अनुपूरक बजट से संबंधित बिहार विनियोग विधेयक (संख्या-तीन), 2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पूर्व ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेष कुमार ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने विभाग की अनुपूरक बजट मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि सरकार ने जुलाई 2019 तक यानि पिछले 13 सालों में अपने संसाधानों का इस्तेमाल कर कुल 17468 करोड़ रुपये निवेश कर 38798 किलोमीटर सड़क और 430 पुलों का निर्माण कराया है।
इसी अवधि में प्रधानमत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 24156 करोड़ रुपये की लागत से 52015 किलोमीटर सड़क और 352 पुलों का निर्माण कराया गया है।
श्री कुमार ने कहा कि बिहार में पिछले 13 साल के दौरान ग्रामीण इलाकों में कुल 90813 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग स्कीमों के तहत राज्य में 16710 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 250 से 499 जनसंख्या वाले गांवों को सड़कों से जोड़ जा रहा है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में इस योजना के तहत 13 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जून के दौरान 326.5 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया जा चुका है।