बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेजस्वी यादव की न्याय यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि वे संविधान बचाओ न्याय यात्रा’ पर नहीं बल्कि ‘पार्टी बचाओ, नेता बनाओ’ यात्रा पर निकल रहे हैं और उनके सामने दो ही ऑप्शन है कि या तो वे पार्टी बचाए या परिवार बचायें. ऐसे में बेहतर है कि तेजस्वी नैतिक आधार पर अपने परिवार में सबसे पढ़ी- लिखी मीसा भारती जी सहित 6 बड़ी बहनों में से किसी एक को या अपने श्रीकृष्णभक्त बड़े भैया तेजप्रताप यादव को राजद का नेतृत्व सौंप ‘परिवार’ और ‘पार्टी’ दोनों बचायें.
निखिल आनंद ने तेजस्वी की यात्रा का माखौल उड़ाते हुए कहा कि वे भारत का संविधान पढ़ें और फिर पार्टी के संविधान के तहत लालू प्रसाद जी को राजद के अध्यक्ष पद से हटाकर परिवार में वरिष्ठ भाई- बहनों में से एक को नेता चुन उनकी सेवा करें. यह काम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गाँधी का झोला- झंडा उठाने से ज्यादा बेहतर है. भाजपा प्रवक्ता निखिल ने कहा कि यह सिर्फ समय- समय का फेर है कि कभी बिहार में कांग्रेस को राजद ने हाशिये पर धकेलकर पिछलग्गू बनाया था.
अब राहुल गाँधी लालूजी के बेटे तेजस्वी यादव को पिछलग्गू बनाकर अपनी राजनीतिक किस्मत चमकाना चाहते है. अब यही कम्पीटीशन देखना बचा हुआ है कि- कौन किससे शातिर है? और कौन किसके वजूद पर अपनी दुकान खड़ा करेगा? निखिल आनंद ने एक और ट्वीट में कहा कि यह भी समय- समय का फेर है कि कांग्रेस ने पिछली बार बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह जी की जयंती पर लालू जी को मुख्य अतिथि बनाया था लेकिन इस बार उनके बेटे तेजस्वी यादव को भले ही बुलाया पर लालूजी को सजायाफ्ता होने के कारण तस्वीरों में भी जगह नहीं दी. कांग्रेस घोर अवसरवादी है!