बिहार में मशहूर रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी जनसुराज पदयात्रा शुरू कर चुके है। उन्होंने गांधी जयंती के दिन अपनी यात्रा शुरू की थी। उनका काफिला पटना से महात्मा गांधी की कर्मभूमि पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा के लिए रवाना हुआ था । प्रशांत 3500 किलोमीटर पदयात्रा करेंगे। ये पदयात्रा 15 महीने तक चलेगी। इस दौरान प्रशांत किशोर बिहार सरकार पर कई आरोप लगाते हुए नजर आ रहे थे।
नीतीश ने किया पलटवार
वही, उन्होंने दावा किया था कि सीएम नीतीश ने उन्हें जेडीयू अध्यक्ष बनने का बड़ा ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया था। जिसके बाद अब खुद सीएम नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर पलटवार किया है। नीतीश कुमार ने कहा, ‘उनको जो बोलना है बोलने दीजिये। फर्क नहीं पड़ता है। हमसे आकर एक दिन बोल रहे थे कि हम कांग्रेस में जेडीयू का विलय कर दे। अब बताइये ऐसा बात कोई बोलता है ?’
कांग्रेस में करना चाहते थे जेडीयू का विलय
सीएम नीतीश ने आगे कहा, ‘ हम क्यों जेडीयू को कांग्रेस में मिलाएंगे। ये आज से करीब 4-5 साल पहले की बात है। इसलिए उनका कोई ठिकाना नहीं है। वो बीजेपी की भाषा बोलते है। वो हमसे मिलने आए थे। हमने नहीं बुलाया था उन्हें। हमारे बीच क्या बात हुई थी। इसपर भी हम कुछ नहीं बोलना चाहते है। वो बीजेपी के लिए हमारा विरोध कर रहे है। ‘
हम आपको बता दें, प्रशांत किशोर ने अपनी पदयात्रा के बारे में बताया कि उनका मकसद है कि वो अपनी इस यात्रा से बिहार के लोगों को जोड़ सके। उनकी जरूरतों को समझ सके। ताकि सरकार तक उनकी बात पहुंच सके। इसके लिए वो लगातार प्रयास कर रहे है। उनकी पदयात्रा का उद्देश्य नए बिहार की बुनियाद रखना है। जमीनी स्तर पर लोगों से बातचीत के जरिए बेरोजगारी, पलायन, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर 15 वर्षों के लिए पंचायत स्तर पर बिहार के विकास का प्लान तैयार करना है।