BREAKING NEWS

भव्य स्वागत देखकर भावुक हुए सम्राट चौधरी, कहा: विरोधियों का सुपड़ा साफ कर आपके कर्ज को उतारने का प्रयास करूंगा◾नितिन गडकरी ने कहा- स्मार्ट सिटी के विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी महत्वपूर्ण◾केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लगाया आरोप, संसद नहीं चलने दे रही कांग्रेस ◾कर्नाटक: BJP विधायक मदल विरुपक्षप्पा की बढ़ी मुश्किलें, रिश्वत मामले में HC ने खारिज की जमानत याचिका ◾राहुल गांधी को बड़ा झटका, 22 अप्रैल तक खाली करना होगा सरकारी बंगला◾Umesh Pal Case: कड़ी सुरक्षा के बीच नैनी जेल पंहुचा माफिया अतीक, कल कोर्ट में होगा पेश ◾गृह मंत्री अमित शाह के कर्नाटक दौरे के दौरान सुरक्षा में सेंध, दो छात्र गिरफ्तार◾चुनाव कानून के उल्लंघन को लेकर उतर प्रदेश में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की समय सीमा बढ़ा दी गई ◾ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने असामाजिक आचरण के खिलाफ शुरू किया अभियान ◾US Banking Crisis: संकट में डूबे SVB को मिला सहारा, इस बड़े बैंक ने खरीदा ◾STT दर में सुधार के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने वित्त विधेयक में संशोधन पेश किया◾आकांक्षा दुबे Suicide केस में भोजपुरी सिंगर के खिलाफ मामला दर्ज, Actresss की मां ने की थी शिकायत◾अमृतपाल सिंह के नेपाल में छिपे होने की आशंका, भारत ने पड़ोसी देश से किया ये अनुरोध ◾मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में फसल क्षति का आकलन एक सप्ताह में पूरा करने के दिए निर्देश◾बिहार की सियासत में हलचल, खरना का प्रसाद खाने भाजपा नेता के घर पहुंचे नीतीश, शुरू हुई नई चर्चा ◾राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे पर कोलकाता पहुंचीं◾पिछले पांच सालों में ED ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत 3,497 मामले दर्ज किए◾Rahul Gandhi के समर्थन में युवा कांग्रेस के सदस्यों ने किया प्रदर्शन ◾‘PF का पैसा भी अडानी को’ ... पीएम मोदी पर फिर बरसे राहुल, कहा: जांच से डर क्यों?◾राहुल और उद्धव ठाकरे मिलेंगे और अपने मतभेदों को दूर करने की कोशिश करेंगे◾

बिहार पुलिस ने किया दावा- शराबबंदी से महिला हिंसा में आई कमी, विपक्ष ने उठाए सवाल

बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करवाने को लेकर पुलिस महकमा दिन रात प्रयासरत है वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं समाज सुधार अभियान पर निकल रहे हैं। इस बीच, पुलिस का दावा है कि राज्य में शराबबंदी के बाद महिला हिंसा में कमी आई है। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकडे भी इसकी पुष्टि करते हैं। विपक्ष हालांकि इसे सही नहीं मानता है।

घरेलू हिंसा की घटनाओं में कमी आ रही है

पुलिस मुख्यालय के आंकडों पर गौर करें तो राज्य में दुष्कर्म, छेड़खानी, दहेज हत्या, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा की घटनाओं में कमी आ रही है। आंकडों के मुताबिक, राज्य के विभिन्न थानों में वर्ष 2017 में दुष्कर्म के 1199 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2018 में 1475 मामले सामने आए थे।इसके बाद दुष्कर्म की घटनाओं में कमी आई है। पुलिस मुख्यालय का दावा है कि वर्ष 2019 में दुष्कर्म के 1450 मामले प्रकाश में आए जबकि 2020 में 1438 तथा इस वर्ष अक्टूबर महीने तक मात्र 1274 मामले ही सामने आए हैं।

वर्ष 2017 में कुल 1814 छेड़खानी के मामले दर्ज किए गए थे

इसी तरह छेडखानी के मामलों में भी कमी दर्ज की जा रही है। पुलिस मुख्यालय के आंकडों को अगर सही माना जाए तो राज्य में वर्ष 2017 में कुल 1814 छेड़खानी के मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2018 में छेडखानी के मामलों में अभूतपूर्व कमी दर्ज की गई और यह 501 तक पहुंच गई। इसी तरह वर्ष 2019 में छेडखानी के 486 मामले दर्ज किए गए थे जबकि इस साल अक्टूबर तक 457 मामले दर्ज किए गए हैं।

घरेलू हिंसा में भी पिछले पांच सालों में कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2017 में राज्य के विभिन्न थानों में घरेलू हिंसा के कुल 4021 मामले दर्ज किए गए थे वहीं 2018 में घरेलू हिंसा के मामले कम होकर 3958 तक पहुंच गए। वर्ष 2019 में राज्यभर में घरेलू हिंसा के 4723 मामले दर्ज हुए थे जबकि एक वर्ष बाद यानी 2020 में घरेलू हिंसा के कुल 3946 मामले सामने आए। इस साल अक्टूबर महीने तक राज्य के विभिन्न थानों में घरेलू हिंसा के 2207 मामले की दर्ज किए गए हैं। पुलिस मुख्यालय के आंकडे राज्य में दहेज उम्पीड़न और दहेज हत्या के मामलों में भी कमी होने के दावे करते हैं। पुलिस के आंकडों के मुताबिक, दहेज उत्पीड़न के 2017 में कुल 4873 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए थे जबकि एक वर्ष बाद यानी 2018 में 3387 मामले ही प्रकाश में आए। इसी तरह वर्ष 2020 में दहेज उत्पीड़न के कुल 2686 मामले ही सामने आए थे जबकि इस साल अक्टूबर तक 2967 मामले सामने आ चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक जरूर है लेकिन वर्ष 2017 की तुलना में कम है।

शराबबंदी के बाद से दहेज हत्या के मामलों में भी कमी आई

इसी तरह पुलिस मुख्यालय का दावा है कि शराबबंदी के बाद से दहेज हत्या के मामलों में भी कमी आई है। राज्य में वर्ष 2017 में दहेज हत्या के 1081 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए थे जबकि 2020 में दहेज हत्या के कुल 1045 मामले ही सामने आए। इस वर्ष अक्टूबर तक 828 दहेज हत्या के मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं।

आखिर शराबबंदी है कहां? शराब की तो होम डिलिवरी हो रही है

इधर, विपक्ष इन आंकडों को नकार रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृतयुंजय तिवारी कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि आखिर शराबबंदी है कहां? शराब की तो होम डिलिवरी हो रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार आंकडों की बाजीगिरी प्रारंभ से करती आ रही है। उन्होंने कहा कि कई मामले तो थाना में दर्ज ही नहीं किए जाते। प्राािमिकी दर्ज करने आने वाले लोगां के मामले दर्ज तक नहीं किए जाते।उन्होंने कहा कि अपराध के मामले में बिहार कहां पहुंच गया है, यह केंद्र सरकार की एजेंसियों की रिपोर्ट से बराबर स्पष्ट होता है।

ओमिक्रॉन हम सभी के घर पर देगा दस्तक, जल्द ही दुनिया के हर देश को अपनी चपेट में लेगा : बिल गेट्स