बिहार की राजधानी पटना में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान किशोर ने कहा मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार जी से मेरा संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं रहा है। उन्होंने कहा 2015 में जब हम मिले, उसके बाद से नीतीश जी ने मुझे बेटे की तरह ही रखा है।
उन्होंने कहा जब में जेडीयू में था तब भी और नहीं था तब भी. उन्होंने कहा नीतीश कुमार जी मेरे पिता समान हैं। उन्होंने जो भी फैसला लिया है। मै उनका फैसले को सहृदय से स्वीकार करता हूं। मै जितना नीतीश कुमार जी को जानता हू, वो हमेशा कहते रहे हैं की गांधी, जेपी और लोहिया की बातों को नहीं छोड़ सकते।
मेरे मन में दुविधा रही है कि जब गांधी के विचारों पर आवाज उठा रहे हैं तो फिर उसी समय में गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं। गांधी और गोडसे की विचारधारा को लेकर हम दोनों में मतभेद रहा है।
हम दोनों के बीच मतभेद की पहली वजह रही है कि गांधी और गोडसे की विचारधारा। नीतीश कुमार गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ हैं। दूसरी वजह रही है कि जिस भाजपा के साथ 2004 के बाद से रहे हैं और आज जिस तरह से रहे हैं। उसमें जमीन आसमान का फर्क हैं।