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जातीय जनगणना को लेकर बिहार की सियासत गर्म, सीएम नीतीश को घेरने में जुटा विपक्ष

देश में जाति आधारित जनगणना कराए जाने को लेकर विपक्ष अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरी तरह घेरने की तैयारी में है।

देश में जाति आधारित जनगणना कराए जाने को लेकर विपक्ष अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरी तरह घेरने की तैयारी में है। वैसे, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार चला रहे नीतीश कुमार भी जातीय जनगणना कराने के पक्षधर हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अदालत में जाति जनगणना कराया जाना संभव नहीं होने के संबंध में दिए गए हलफनामा के बाद जदयू के लिए परेशानी बढ़ी नजर आ रही है। इधर, जाति जनगणना को लेकर राज्य की सियासत गर्म हो गई है। 
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को बैठक कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आगे के कदम के विषय में जानकारी मांगी तो राजद के नेता तेजस्वी यादव ने देश में जातिगत जनगणना नहीं कराए जाने पर देशभर के नेताओं को चिट्ठी लिखकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस 33 नेताओं को पत्र लिखा है। पत्र में तेजस्वी ने लिखा है कि जाति आधारित जनगणना राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम है। उन्होंने अपनी चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी साझा की है। 
उन्होंने कहा, मैंने अपने देश के कई वरिष्ठ नेताओं को सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना की चल रही मांग और उसके प्रति केंद्र में सत्तारूढ़ दल की उदासीनता के संदर्भ में हमारी साझा आशंकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में लिखा है। 
राजद नेता ने आगे कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग को राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। जातीय जनगणना नहीं कराने के खिलाफ सत्ताधारी दल के पास एक भी तर्कसंगत कारण नहीं है। मैंने विभिन्न दलों के 33 प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर बहुमत की साझा चिंता व्यक्त की। 
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की शाम महागठबंधन के नेताओं ने बैठक कर केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया है। महागठबंधन के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह जातीय जनगणना नहीं कराएगी। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मसले पर अपना स्टैंड साफ करना होगा। 
बिहार भाजपा को भी यह साफ करना होगा कि वह केंद्र के रुख से असहमत है या सहमत। बिहार विधानसभा से इस संबंध में पारित प्रस्ताव पर उनकी सहमति थी। इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ़ संजय जायसवाल जातीय जनगणना को व्यवहारिक नहीं मानते। उन्होंने कहा कि केंद्र ने यह निर्णय लिया है कि हम जातीय जनगणना नहीं करा सकते। 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में भारत सरकार ले हलफनामा दायर कर कहा कि केंद्र सरकार 2011 की गलतियों को दोहराना नहीं चाहती। इस डाटा में चार लाख 28 हजार जातियों का विवरण आया है। उन्होंने बताया कि सरकार का मानना है कि जनगणना का काम चल रहा है और जनगणना के कंप्यूटर में 4 लाख कॉलम नहीं बनाए जा सकते। 
इधर, जदयू के नेताओं को अभी भी आशा है कि इस मामले में सकरात्मक पहल जरूर होगी। जदयू के नेता संजय झा कहते हैं कि बिहार के करीब सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल इस मामले में प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सकारात्मक पहल जरूर होगी। 

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