बिहार के भागलपुर जिले से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जिसमे एक नाबालिग ने अपने परिवार की कलह से परेशान होकर लगभग दो महीने पहले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिख कर इच्छा मृत्यु का अनुरोध किया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन से मामले की जांच करने को कहा है।
कृष कुमार मित्रा भागलपुर जिले के कहलगांव थाना अंतर्गत महिषामुंडा गांव के निवासी मनोज कुमार मित्रा का बेटा है। कृष अपने पिता के साथ रहता है और स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र है।
नाबालिग ने आगे कहा है कि कक्षा में राष्ट्रपति के कार्यों को पढ़ाया गया है। वह उसी जानकारी के आधार पर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांग रहा है। पत्र में छात्र ने कहा है कि वह पिता को खोना नहीं चाहता इसीलिए पिता से पहले खुद मरना चाहता है।
मुझे मां का प्यार कभी नहीं मिला। मां के रहते हुए भी मैं अनाथ की तरह तड़पता रहा हूँ । चार महीने की उम्र में पढ़ाई और तरक्की के लिए मां ने मुझे दादा-दादी के घर भेज दिया। पिता ने मां से अधिक प्यार दिया, लेकिन स्कूल में अन्य छात्रों की मां को देखने पर मैं माँ के लिए तरसता था।
सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। कृष ने आरोप लगाया है कि मां की प्रताड़ना और उनके द्वारा मुकदमेबाजी किए जाने तथा असामाजिक तत्वों द्वारा बार-बार धमकी दिए जाने से वह बहुत परेशान है। ऐसे में अब उसे जीने की कोई इच्छा नहीं है।
कैंसर से झूज रहे हैं कृष के पिता :
कृष के पिता मनोज, जो कि कैंसर से ग्रस्त हैं, वह देवघर में ग्रामीण विकास विभाग के जिला प्रबंधक पद पर कार्य कर रहे हैं और उनकी मां सुजाता पटना में इंडियन ओवरसीज बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्य कर रही हैं।
मां को नौकरी मिली और पिता की नौकरी चली गई :
छात्र ने पांच पन्ने के पत्र में मां पर कई तरह के आरोप लगाए है और पत्र में लिखा है कि 2011 में छात्र की मां को बैंक में नौकरी मिली। लेकिन नौकरी लगने के बाद मां पिता को और परेशान करने लगी। कुछ समय बाद मां की नौकरी का तबादला हो गया। इस बीच पिता की नौकरी चली गई । जिसके बाद मां ने पिता पर केस कर दिया। जिसके बाद स्थानीय पुलिस पिता को रोज परेशान करने लगी और पिता से रिश्वत भी ली।
मां के व्यवहार को परिवार के लोगों ने बताया अनुचित:
कृष के पिता मनोज और मां के बीच एक लंबे समय से विवाद चल रहा है, जिसकी वजह से दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। कृष के दादा संजय कुमार मित्रा कहलगांव एनटीपीसी में वर्कमैन के पद से रिटायर हुए वे हैं। कृष के दादा व उसके चाचा तथा अन्य परिवारवालों के लोगों ने भी कृष की मां का व्यवहार पूरी तरह गलत बताया है।
राष्ट्रीय बाल आयोग गंभीर :
इस नाबालिग के पत्र को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग के वरिष्ठ सलाहकार रमण कुमार गौड़ ने डीएम को पत्र भेजकर कहा है कि 29 अप्रैल 2019 को मामले की जांच कर 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। अब आयोग ने सात दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार करके जमा कराने को कहा है।