पटना : एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध राजद द्वारा आहूत बिहार बन्द को अपना बहुमूल्य समर्थन व सहयोग देने के लिए सभी बिहारवासियों को हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हॅू। आम बिहारवासियों के अलावा राजद गठबंधन के सभी समर्थकों, कार्यकर्ताओं व अभिभावक तुल्य वरिष्ठ नेताओं, युवा साथियों का भी धन्यवाद देता हॅू जिन्होंने पार्टी के एक आह्वान पर अपने सतत एकीकृत प्रयास से दम्भी सत्ताधारियों की नींद ही उड़ा दी। पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी की अनुपस्थिति में उनके असीम आशी र्वाद से पार्टी ने अभूतपूर्व सफल कार्यक्रम किया। उक्त बातें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कही।
श्री यादव ने कहा कि बिहार बन्द को ऐतिहासिक रूप से अप्रत्याशित व अतुलनीय बनाने के लिए राज्यभर के संघर्षशील विद्यार्थियों, युवाओं, राजनीतिक, गैर राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं, सिविल सोसायटी व संविधान के लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले सभी प्रबुद्ध साथी नागरिकों और मीडिया के साथियों का तहेदिल से शुक्रगुजार हॅू। उन्होंने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने एक बार फिर से पलटी मारकर रीढ़हीनता का परिचय देते हुए अपना नीति, सिद्धांत, विचार को दंगाई संघियों के हाथों बेचकर दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक विरोधी विभाजनकारी चरित्र व चेहरे का पर्दाफाश कर सभी गरीब समुदायों को एकजुट कर दिया है। जनादेश अपमानकर्ता नीतीश कुमार जी के दोहरे चाल-चरित्र और चेहरे के चलते आज बिहारवासी लामबंद है।
श्री यादव ने कहा कि यह देश हर धर्म, सम्प्रदाय, जाति, विचारधारा वालों का है। हमारी पूर्वजों ने यहां अंतिम सांस ली है, पंचतत्व में विलीन हुए हैं, सुपुद्र्र-ए-खाक हुए हैं। उन्होंने देश के लिए जान दी है हर तरह की कुर्बानी दी है।
अब कुछ विभाजनकारी तत्व उनसे, उनकी नस्लों से हमसे भारतीय होने का सबूत मांगेंगे? श्री यादव ने कहा कि हम सब पहले भारतीय हैंए बाद में हिन्दू या मुसलमान अब कोई भी भारतीय दूसरे भारतीय से अन्याय सहन नहीं करेगा। देश गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, अव्यवस्था, बदतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं, बीमार अर्थव्यवस्था, दाने-दाने को मोहताज किसानों की समस्याओं से जूझ रहा है। केंद्र व राज्य सरकार हर समस्या से निपटने में नाकाम है। इसी नाकामी और नकारेपन पर पर्दा डालने के लिए डबल इंजनधारी हिन्दू-मुस्लिम कर देश को आपस में लड़वाना चाहते हैं। बिहार बन्द के जरिए इनके तानाशाही रवैये के विरुद्ध कड़ा जवाब देने के लिए बिहार की जनता का कोटि-कोटि धन्यवाद।