केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के हवलदार संजय कुमार सिन्हा अभी एक सप्ताह पूर्व ही तो बेटी की डोली उठाने का सपना संजोये हजारो मील दूर छुट्टी से वापस गये थे लेकिन उन्हें कहां पता था कि सपना पूरा करने से पहले ही मातृभूमि बलिदान मांग लेगी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुये बिहार में पटना जिले के मसौढ़ के तारेगनाडीह के संजय कुमार सिन्हा के पार्थिव शरीर फतुहा के त्रिवेणीघाट पर ‘शहीद संजय अमर रहे, भारत माता की जय, शहीदों की शहादत का बदला लेकर रहेंगे, इंडियन आर्मी जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के गगनभेदी नारे के बीच पंचतत्व में विलीन तो हो गया लेकिन एक पिता का सपना और बेटी की उम्मीद पूरी होते-होते रह गई।
शहीद संजय कुमार सिन्हा अपनी बड़ी बेटी रूबी की शादी की तैयारी कर रहे थे और एक सप्ताह पूर्व अपनी छुट्टी पूरी कर वह इस उम्मीद से ड्यूटी पर लौटे थे कि जल्द ही बेटी की डोली सजाएंगे।
आज जब संजय कुमार सिन्हा का पार्थिव शरीर तारेगनाडीह स्थित उनके पैतृक आवास पहुंचा तो जहां उनके पिता, पत्नी, भाई और अन्य रोते-रोते पाकिस्तान से बदला लेने की मांग कर रहे थे वहीं उनकी दोनों बेटियां रूबी और टोनी नि:शब्द होकर केवल रोये जा रही थीं।
कहते हैं बेटियों के जज्बात शब्दों में उतरने में समय लेते हैं और जब उतरते हैं तो जरिया पिता होता है। शायद इसलिए बेटियों की अभिव्यक्ति का नाम ही तो ‘पिता’ है। दुख के पहाड़ टूटे इस परिवार में आज बाप ने अपना बेटा खोया, पत्नी ने पति खोया, भाई ने भाई खोया और बेटे ने बाप को खोया लेकिन बेटियों ने तो अपनी अभिव्यक्ति ही खो दी।
इस घटना के बाद हवलदार संजय कुमार सिन्हा के गांव वाले आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा है कि आतंकियों का जवाब हमारी सेना को देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पटना रैली में शहीद जवान के निधन पर दुःख व्यक्त किया।
पूरा देश पुलवामा में शहीद हुए जवानों के लिए आक्रोशित है और हर किसी को बस इस हमले का बदला चाहिए। कायराना आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत को हमारी तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि।