बिहार में जाति आधारित गणना शनिवार से शुरू हो गई। प्रथम चरण में घरों की गिनती की जा रही है। इस बीच बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना के बाद सरकार के पास सही और वैज्ञानिक आंकड़ा उपलब्ध होगा, जिससे योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
दूसरे चरण की प्रक्रिया होगी शुरू
तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि जातीय गणना से वैज्ञानिक आंकड़े सामने आएंगे। विकास में कारगर साबित होंगे। उसी हिसाब से बिहार का बजट बनेगा।उन्होंने कहा कि भाजपा गरीब विरोधी है, वह चाहती थी कि जाति आधारित गणना न हो, इसके लिए उन्होंने पूरी ताकत लगा दी। राजद नेता ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित गणना कराने को लेकर हमलोग प्रधानमंत्री से भी मिलने गए थे।
बिहार में जाति आधारित गणना का कार्य 7 जनवरी से शुरू हो गया है। इसके पहले चरण में सिर्फ मकानों को गिना जायेगा। इस प्रक्रिया को 21 जनवरी तक पूरी कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार होने के बाद दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें लोगों की जाति के आधार पर गणना की जाएगी।
राज्य से बाहर रहने वालों के भी नाम दर्ज
पहले चरण में सिर्फ उन्हीं मकानों को गिना जायेगा, जिनमें लोग रह रहे हैं। झुग्गी-झोपड़ी, सड़क, बांध समेत ऐसे अन्य स्थानों पर रहने वालों के आश्रय स्थलों को भी गिना जाएगा।जाति गणना में 26 प्रकार की जानकारी जुटाई जाएगी। दूसरा चरण अप्रैल महीने में होने की उम्मीद है। इस चरण में गणना के दौरान जाति,नाम, पता, पिता या पति का नाम, लिंग सहित कई चीज पूछे जाएंगे। राज्य से बाहर रहने वालों के भी नाम दर्ज किए जाएंगे।