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बिहार के जमालपुर रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार आमने -सामने

जहां एक तरफ कोरोना महमारी को लेकर बिहार में प्रवासी मजदूरों के साथ व्यवहार ठीक नहीं हो रहा है । अगर केंद्र सरकार चाहती तो हमारे राज्य में बिहारियों को खाने और रहने का प्रबंध करा सकता था ।

पटना, (जेपी चौधरी) : जहां एक तरफ कोरोना महमारी को लेकर बिहार में प्रवासी मजदूरों के साथ व्यवहार ठीक नहीं हो रहा है । अगर केंद्र सरकार चाहती तो हमारे राज्य में बिहारियों को खाने और रहने का प्रबंध करा सकता था । मगर उसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने आप को दर्द महसूस कर रहा है । उन्होंने अपना दर्द किसी को बताया नहीं मगर आज जमालपुर रेलवे  प्रशिक्षण संस्थान जो आजादी के पहले बना हुआ था आज रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को ट्रांसफर करके लखनऊ ले जाये जा रहा है । इसको लेकर बिहार सरकार के मंत्री संजय झा सुबह से रेलवे मंत्रालय और प्रधानमंत्री मंत्रालय ट्वीटर पर ट्वीट किए जा रहे हैं । इस मामले को लेकर बिहार सरकार और केंद्र सरकार आपस में  दोनो के बीच मतभेद होती दिख रही है। विदीत हो कि   जमालपुर रेलवे प्रशिक्षण संस्थान सन 1888 से खोला गया था । इसमें 1927,ई  से रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर का  प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जानकारी रहे की रेलवे का  प्रशिक्षण संस्थान में सबसे पुराना था । एक संस्थान के तरह पहले भी केंद्र सरकार ने भारत वैगन और अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान को  बंद कर दिया गया है। जबकि पूरा देश कोरोना महामारी से गुजर रहा है। भारतीय रेलवे का यह निर्णय बिहार सरकार और लोगों में आक्रोश है । जहां डबल इंजन की सरकार चल रही है । वहीं इस तरह का 100 साल पुराना प्रशिक्षण संस्थान को बिना चोरी चुपके ही लखनऊ  में ले जाये जा रहा है।  इससे साबित होता है कि केंद्र सरकार की रवैया बिहार में बिहारियों के साथ अच्छा नहीं है। बिहार में  प्रवासी  मजदूर ने अपना -अपना खून पसीना और मेहनत से गुजरात और महाराष्ट्र और दिल्ली में भी तरक्की कर दी। वहीं जब कोरोना महामारी आया तो रोटी देना दूर की बात है। लाठी से पीटवाया गया।  देर -सवेर रेलवे  प्रशिक्षण संस्थान को लेकर डबल इंजन की सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं दिख रहा है। कहीं जदयू अलग ना हो जाए।

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