पटना : पूर्व सांसद अरूण कुमार ने दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुई लाठीचार्ज की निंदा कर कहा कि बिहार में शिक्षा संरचना ध्वस्त होने के कारण देश के दूसरे राज्यों में शिक्षा ग्रहण करने वाले को प्रताडि़त होना पड़ रहा है। दिल्ली, बंगलोर, मुम्बई में अध्ययरत बिहारी छात्र डर-डर के जीते हैं। गेट टू गेदर में पत्रकारों से वार्तालाप कर उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राइमरी से लेकर हायर शिक्षा संरचना ध्वस्त है।
शैक्षणिक अराजकता व्याप्त है। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं। बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को जलाय और इन्होंने पूरे प्रदेश की शिक्षा को नष्ट किये। बिहार के अधिकांश विश्वविद्यालयों मे बीएचयू के छात्र वाइस चांसलर के पद पर हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा के अभाव में यहां से छात्र जामिया जेएनयू में पढऩे जाते हैं जहां छात्रों की बर्बरतापूर्वक पिटाई कर देशद्रोह में फंसाया जाता है। ऐसे विश्वविद्यालयों को समाप्त करने की साजिश चल रही है। जो देश के लिए दुर्भाग्य है। विश्वविद्यालयों में जाति-धर्म की चासनी पढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल जीवन हरियाली के बहाने पिकनीक मना रहे हैं। जल का संकट इन्होंने खुद पैदा किये और अब चिंता का नाटक करने में जुटे हैं। चड्डा-चड्डा जैसे ब्लैक लिस्टेड को बिहार में काम दिया जा रहा है। जो हजारों में पेड़ को कटवाया।
पूरे राज्य में अराजकता का बोलबाला है। गैंगरेप की घटनाएं घट रही है। कोई कार्रवाई नहीं। मुख्यमंत्री जनता के मस्तिष्क घुमाने के लिए जल जीवन हरियाली का ढोंग रचकर यात्रा कर रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा, हुमायु अंसारी, पप्पू, आशुतोष पाठक, राघवेन्द्र कुशवाहा समेत अन्य उपस्थित थे।