लोजपा के पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच दिन-प्रतिदिन टकराव बढ़ता जा रहा है। रविवार को चिराग पासवान ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में चिराग पासवान आगे के रणनीति पर चर्चा करेंगे।
इससे पहले शनिवार को में चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। उन्होंने लोकसभा में पारस को पार्टी का नेता घोषित करने के दूसरे खेमे का दावा स्वीकार करने के बिरला के फैसले के खिलाफ अपना मामला प्रस्तुत किया। चिराग ने दलील दी कि पार्टी का संसदीय बोर्ड ही संसद में अपने नेता के बारे में फैसला कर सकता है। पार्टी के छह में से पांच सांसदों ने चिराग के स्थान पर पारस को अपना नेता चुना है।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पर नियंत्रण को लेकर लड़ाई का फैसला निर्वाचन आयोग में होने की संभावना है क्योंकि दोनों खेमे बिहार के लोकप्रिय दलित नेता रामविलास पासवान की विरासत पर दबदबा बनाने के लिए लड़ रहे है। पिछले साल रामविलास पासवान का निधन हो गया था। चिराग, रामविलास पासवान के पुत्र हैं। पारस, रामविलास के छोटे भाई हैं।