बिहार चुनाव से पहले खुद को एनडीए से अलग कर अकेले एलजेपी को चमकाने निकलने चिराग पासवान की पार्टी ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। एलजेपी ने विधानसभा चुनावों में 6 प्रतिशत वोट हासिल किए। चिराग ने बुधवार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार के मतदाताओं का आभार जताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता हूं कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने।
चिराग ने कहा, मुझे ख़ुशी है कि बिहार ने एलजेपी को दिया प्यार, लगभग 25 लाख मतदाताओं ने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ पर भरोसा किया और अकेले चुनाव लड़ते हुए हमने 6 प्रतिशत वोट हासिल किए। उन्होंने कहा, हमें ‘पिछलग्गू पार्टी’ कहा जाता था जो केवल दूसरे के समर्थन से कुछ कर सकती है। हमने साहस दिखाया है।
नीतीश कुमार 7वीं बार CM पद की शपथ लेकर रचेंगे इतिहास, जानें-कब-कब बने मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार और सुशील मोदी के लिए मेरा समर्थन कभी नहीं होगा। अगर वह मेरे राज्य के मुख्यमंत्री बने रहे, तो राज्य स्तर पर मेरा समर्थन नहीं होगा, लेकिन हम केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, मैं बीजेपी नेताओं और पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दूंगा।
चिराग पासवान ने कहा कि 2025 के चुनावों में हम अच्छा करेंगे क्योंकि हमने इस चुनाव में जमीन तैयार की है। अधिकांश सीटों पर हमने अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने अधिकतर सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, बिहार चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाना और जेडीयू को नुकसान करना ही उनका लक्ष्य था और वह इसमें सफल हुए हैं।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, सभी एलजेपी प्रत्याशी बिना किसी गठबंधन के अकेले अपने दम पर शानदार चुनाव लड़े। पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है। एलजेपी इस चुनाव में बिहार1st बिहारी1st के संकल्प के साथ गई थी। पार्टी हर ज़िले में मज़बूत हुई है। इसका लाभ पार्टी को भविष्य में मिलना तय है। गौरतलब है कि एनडीए से पृथक हो चुकी एलजेपी को महज एक सीट मिली। 2015 के चुनाव में एलजेपी को दो सीटें मिली थी। इस तरह 2020 के चुनाव में एलजेपी को एक सीट का घाटा हुआ।