राजगीर : आज सोमवार को तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व विशेष चर्चा और साहसिक उत्साह के साथ सम्पन्न,आयुर्वेद को बढ़ावा देने के प्रति सरकार कटिवद्ध,आयुर्वेद पर्व के उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार राजगीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सभागार में अपने सम्बोधन में आयुर्वेद की महत्ता और समाज मे जनजन की स्वस्थ्य जीवन और दीर्घायु रहने के लिये आयुर्वेद अत्यंत महत्व पूर्ण हैं, उन्होंने अपने पिता श्री बैध रामलखन जी का मूल्यवान जिक्र की कहा मेरे पिता जी बैध थे और मैं भी उनके साथ काम किया मुझे पुड़िया बांधने का काम मिलता था मुझे आयुर्वेद की जो कुछ भी जानकारी है। अच्छी जानकारी है हम इसे अपने स्तर से सरकार की ओर से आयुर्वेद के क्षेत्र में बहुत सारे काम किया हैं। शेष बहुत करना बाकी है, कहा जब भगवान बुद्ध राजगीर की इस घनघोर जंगल मे गृद्धकूट पर्वत पर तप और साधना में लंबे दिनों तक प्रवासित रहे उस वक्त उनके स्वस्थ्य लाभ में राजगीर की जड़ी बूटी से आयुर्वेदिक इलाज कराई जाती थी।
नीतीश कुमार ने कहा बता दें की हर दवा का जन्म आयुर्वेद से ही हुई है,सी एम ने देश के विभिन्न हिस्सों से आये करीव 1500 सौ लोगों से अपील की जरा राजगिर में यहां नेचर सफारी सहित अन्य प्राकृतिक सौंदर्य और आच्छादित वादियों का दीदार कीजिये। डी एम को इशारा करते कहा इन सभी पार्टिसिपेंट को दर्शन करवाएं ,यह कोरा सच है राजगीर में प्राचीन व ऐतिहासिक विरासत एवं पुरातन अवशेष भरे पड़े हैं जो देश दुनिया के लोगों को जबरन आकर्षित किया करती है,
बता दें की इस तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व में करीव 1500 सौ आयुर्वेदाचार्य अन्य प्रदेशों से शामिल हुए,सभा स्थल पर आयुर्वेद से बने कई महत्वपूर्व एक्सपो एक्जीविशन भी लगाए गए थे,आयुर्वेद चिकित्सक भी जरुरति लोगों को फ्री मशविरा दे जागरूक कर रहे थे, यह तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व का आज सोमवार को अपराह्न में अंतिम सत्र के साथ सम्पन्न हो गया,देखा जाये तो यह महापर्व सम्मेलन मामूली नहीं आयुर्वेद के मामले में राजगीर को देश दुनिया में प्रमोट कर गया,सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिये निरन्तर प्रयत्नशील है पर्याप्त धन राशि भी उपलब्ध कराई हैं।