पटना : लोकतांत्रिक जनता दल के प्रदेश महासचिव सह अखिल भारतीय पटेल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर पटेल ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में कोलेजियम सिस्टम से जजों की बहाली पर जमकर हल्ला बोला। कोलेजियम सिस्टम से हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के जजों की बहाली की चली आ रही परिपाटी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह से लोकतांत्रिक जनता दल एवं पटेल सेना आन्दोलन चलाने का ऐलान करते हुए कहा किकोलेजियम सिस्टम लोकतंत्र के लिए खतरा है। यह गैर लोकतांत्रिक व्यवस्था है। यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायपालिका में ही लोकतंत्र नहीं है यही कारण है कि न्यायपालिका का सम्मान लगातार घट रहा है जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
लोकतंत्र के चारों स्तम्भ में न्यायपालिका को अधिक स म्मान प्राप्त है इसलिए जिम्मेवारी भी अधिक होनी चाहिए, मगर स्थिति विपरीत है। उन्होंने बताया कि देश में चाय बेचने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री और अखबार बेचने वाला रज्ञष्ट्रपति बन सकता है लेकिन हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बन सकता है? कोलेजियम सिस्टम के कारण न्यायपालिका में एससीएसटी, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, सवर्ण समाज के गरीब तबका एवं महिलाओं का दमन हो रहा है।
श्री पटेल ने कहा कि वर्ष 2000 में पटना उच्च न्यायालय के समक्ष बिहार प्रदेश लोकतांत्रिक जनता के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रमई राम के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया था और न्याय कमीशन बनाने की मांग किया गया था और अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ों को आरक्षण मिले, इस ससंबंध में पटना डाक बंगला चौराहा पर सरकार को ज्ञापन किया गया था। सथ ही 23 जनवरी, 2001 को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना के माध्यम से राष्ट्रपति एवं सभी सांसद एवं मंत्री को ज्ञापन दिया गया था।
उस समय राष्ट्रपति के आर नारायण थे। श्री पटेल ने कहा कि पूरे देश में कोई भी नियुक्ति केलिए कमीशन के माध्यम से चयन होता है। आईएएस एवं आईपीएस चयन लोक सेवा आयोग से होता है वहीं राज्यों में निचली अदालतों में न्यायिक कमीशन से न्यायधीशों की नियुक्ति होती है तो उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति कोलेजियम से क्यों? केन्द्र सरकार अविलम्ब न्याय कमीशन गठन करे और राज्य एवं केन्द्र की नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान करें और कोलेजियम व्यवस्था को समाप्त करें।