सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पद पर रहते हुए अपने बीमार होने और इलाज कराने की जानकारी देकर सार्वजनिक जीवन की मर्यादा का पालन कियाए जबकि राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने 36 दिनों तक अपने बारे में रहस्यमय गोपनीयता बनाये रख कर अपनी पाटी, विधान सभा क्षेत्र की जनता और विधान सभा के प्रति अनादर प्रकट किया।
उन्होंने सच न बता कर खुद मौका दिया और अब मीडिया पर मसालेदार कहानी बनाने का आरोप लगा रहे हैं। बीमारी हो या बेनामी सम्पत्ति, तेजस्वी यादव ने सच को बिंदुवार सबके सामने रखने का साहस ही नहीं किया। श्री मोदी ने कहा कि जिस परिवारवाद के चलते कांग्रेस खुद मिटती-सिमटती जा रही है, उस प्रवृत्ति से बचने के बजाय जो प्रदेश प्रमुख राहुल गांधी के समर्थन में खून से लिखे पत्र सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने में संकोच न करते हों, वे तेजस्वी यादव के प्रवक्ता बन कर सदन के पहले दिन उनकी गैर हाजिरी का बचाव भी करने लगे।
वे बतायें कि क्या सदन के पहले दिन की आधे घंटे की कार्यवाही में भाग लेने और दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा में नेता विरोधी दल का विश्वास नहीं है। लोकतंत्र में विरोधी दल के नेता का आचरण भी सवालों के दायरे में होता है।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पद पर रहते हुए अपने बीमार होने और इलाज कराने की जानकारी देकर सार्वजनिक जीवन की मर्यादा का पालन किया, जबकि राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने 36 दिनों तक अपने बारे में रहस्यमय गोपनीयता बनाये रख कर अपनी पार्टी…. pic.twitter.com/Jp9JZf2G92
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 29, 2019
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