भारतीय सब लोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश बाबू शासनकाल में बालू से लेकर अस्पताल तक भ्रष्टाचार है । दोे महीना पहले मार्केट में बालू 2500/- रुपये प्रति टेलर उपलब्ध था जो अभी सरकार के वर्तमान नीति के चलते 8,000/- प्रति टेलर उपलब्ध है। दो महीना पहले जिस मकान के छत को बनाने में दस टेलर बालू लगता था जिसका दाम 25,000/- रुपये पड़ता था अब वही दो महीना के अन्तराल के बाद दस टेलर बालू का दाम 80,000/- रुपये पड़ता है।
दो महीना पहले गिट्टी का दाम बालू के दाम से अधिक था लेकिन अब बालू का दाम गिट्टी के दाम से दोगुना हो गया है। सरकारी कार्य के डीपीआर के स्टीमेट में 1800/- रुपये प्रति सीएफटी बालू का दर है। और अभी सरकार 3500/- रुपये प्रति सीएफटी रेट तैय कर दी है बिना भाड़ा के। स्टीमेट से दोगुना बालू का रेट कर देने से सभी सरकारी निमार्ण कार्य बाधित है। फिर वही बाधित कार्य के नाम पर एजेंसियों/ठिकेदार का दोहन सरकार के पदाधिकारियों के द्वारा की जा रही है। बालू का रेट दोगुना हो जाने से व बाजार में उपलब्ध नहीं होने से जनता और ठिकेदारों का कार्य बाधित है। यदि जनता बालू एन-केन-प्रकारेण ब्लैक मार्केट से दोगुन-तीगुने दामों पर खरीद भी ले रही तो सरकार के नुमाइन्दो द्वारा निर्माणाधिन मकान के मालिकों से अवैध बालू के नाम पर मोटी उगाही की जा रही है। यानी जनता पैसा लगाकर भी चोर बन रही है।
चार हजार से दस हजार घुस लेने वाले कर्मचारियों निगरानी विभाग केद्वारा पकड़वाकर सरकार लोगों का आई वाश कर रही है कि गुड गर्वनेंस की सरकार है। जबकि यदि छापा पड़े तो मुख्यमंत्री के नाक के नीचे विश्वेसरैया भवन में पदस्थापित पदाधिकारियों एवं इंजीनियरों के टेबल के दराज में पचास से सौ करोड़ रुपये बरामद हो जाएंगे। पर ऐसा नहीं होगा क्योंकि वह पैसे सीधे सीएम हाउस का है। सरकार द्वारा आवंटित कार्याें का सीएस कराने के नाम पर दो से पांच प्रतिशत विश्वेसरैया भवन में पदाधिकारियों एवं इंजीनियरों द्वारा लिया जाता है जो करोड़ों में है। और जनता को मुर्ख बनाने के लिए छोटे-छोटे कर्मचारियों को पकड़कर पीठ थपथपाई जा रही है। इस अवसर पर युवा प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन, महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डा कुमारी नूतन सिन्हा, सरिता पासवान अस्मिता जी उपस्थिति थे।